ऋषिकेश:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में जन औषधि दिवस मनाया गया। जिसके तहत संस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन औषधि विषय में राष्ट्र के नाम सीधा प्रसारण दिखाया गया। आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की पहल से संस्थान में जनऔषधि केंद्र स्थापित होने से मरीजों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाइयां उपलब्ध हो पा रही हैं। साथ ही उनकी इस पहल से संस्थान ने एक वर्ष में छह करोड़ तेईस लाख रुपए की बचत की।
जन औषधि सप्ताह के तहत शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ओपीडी ब्लॉक में कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसके माध्यम से मरीज व उनके तीमारदार जन औषधि को लेकर प्रधानमंत्री के विचारों से रूबरू हुए। इस अवसर पर बताया गया कि भारत सरकार की अनूठी पहल जन औषधि परियोजना को एक कदम आगे बढ़ाते हुए अस्पताल में ओपीडी व आईपीडी के मरीजों के लिए संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी द्वारा उच्च गुणवत्ता की किफायती दवाईयां उपलब्ध कराने को जन औषधि केंद्र की स्थापना की गई।
इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी का कहना है कि जन औषधि परियोजना के माध्यम से हम ओपीडी व आईपीडी के मरीजों को उत्तम गुणवत्ता वाली सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहे हैंI यह एक विस्तृत प्रोजेक्ट है जिसमें कार्य करने की असीम संभावनाएं हैंI उन्होंने बताया कि एम्स में अगस्त- 2018 में जन औषधि केंद्र की स्थापना की गई थी। संस्थान ने नवंबर -2018 से आईपीडी में भर्ती मरीजों के लिए जन औषधि केंद्र से दवाओं की खरीद करनी शुरू की थी। निदेशक एम्स के अनुसार बीते लगभग 15 महीनों में संस्थान को मरीजों के लिए केंद्र से गुणवत्तापरक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे मरीजों के साथ साथ एम्स संस्थान को भी दवाओं की खरीद में बचत का लाभ हुआ है।
संस्थान की केन्द्रीय फार्मेसी के क्रय अधिकारी डा. गौरव चिकारा के अनुसार एम्स ऋषिकेश केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में निरन्तर प्रतिभाग कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस विषय में निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी द्वारा एक समिति का गठन किया गया है,जिसमें उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता,प्रो. यूबी मिश्रा, प्रो. शैलेन्द्र हांडू, डा. पुनीत धमीजा, डा. गौरव चिकारा व लेखाधिकारी सुभाष मलिक आदि शामिल हैं, समिति इसकी प्रगति के लिए निरंतर प्रयासरत हैI कार्यक्रम के आयोजन में फार्मासिस्ट संगीता चौहान बिष्ट, नवल डिमरी, संजय कुमार, यशवंत, राजीव रजक, कपिल सकलानी, आईटी विभाग के अनुराग शुक्ला, सुभम सिंघल आदि ने सहयोग किया।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में जन औषधि दिवस मनाया गया। जिसके तहत संस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन औषधि विषय में राष्ट्र के नाम सीधा प्रसारण दिखाया गया। आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी की पहल से संस्थान में जनऔषधि केंद्र स्थापित होने से मरीजों को सस्ती व गुणवत्तापरक दवाइयां उपलब्ध हो पा रही हैं। साथ ही उनकी इस पहल से संस्थान ने एक वर्ष में छह करोड़ तेईस लाख रुपए की बचत की।
जन औषधि सप्ताह के तहत शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के ओपीडी ब्लॉक में कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसके माध्यम से मरीज व उनके तीमारदार जन औषधि को लेकर प्रधानमंत्री के विचारों से रूबरू हुए। इस अवसर पर बताया गया कि भारत सरकार की अनूठी पहल जन औषधि परियोजना को एक कदम आगे बढ़ाते हुए अस्पताल में ओपीडी व आईपीडी के मरीजों के लिए संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी द्वारा उच्च गुणवत्ता की किफायती दवाईयां उपलब्ध कराने को जन औषधि केंद्र की स्थापना की गई।
इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी का कहना है कि जन औषधि परियोजना के माध्यम से हम ओपीडी व आईपीडी के मरीजों को उत्तम गुणवत्ता वाली सस्ती दवाएं उपलब्ध करा रहे हैंI यह एक विस्तृत प्रोजेक्ट है जिसमें कार्य करने की असीम संभावनाएं हैंI उन्होंने बताया कि एम्स में अगस्त- 2018 में जन औषधि केंद्र की स्थापना की गई थी। संस्थान ने नवंबर -2018 से आईपीडी में भर्ती मरीजों के लिए जन औषधि केंद्र से दवाओं की खरीद करनी शुरू की थी। निदेशक एम्स के अनुसार बीते लगभग 15 महीनों में संस्थान को मरीजों के लिए केंद्र से गुणवत्तापरक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जिससे मरीजों के साथ साथ एम्स संस्थान को भी दवाओं की खरीद में बचत का लाभ हुआ है।
संस्थान की केन्द्रीय फार्मेसी के क्रय अधिकारी डा. गौरव चिकारा के अनुसार एम्स ऋषिकेश केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में निरन्तर प्रतिभाग कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस विषय में निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी द्वारा एक समिति का गठन किया गया है,जिसमें उप निदेशक प्रशासन अंशुमन गुप्ता,प्रो. यूबी मिश्रा, प्रो. शैलेन्द्र हांडू, डा. पुनीत धमीजा, डा. गौरव चिकारा व लेखाधिकारी सुभाष मलिक आदि शामिल हैं, समिति इसकी प्रगति के लिए निरंतर प्रयासरत हैI कार्यक्रम के आयोजन में फार्मासिस्ट संगीता चौहान बिष्ट, नवल डिमरी, संजय कुमार, यशवंत, राजीव रजक, कपिल सकलानी, आईटी विभाग के अनुराग शुक्ला, सुभम सिंघल आदि ने सहयोग किया।
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