ऋषिकेश:
शहर से लेकर गांव तक शाम के पांच बजते ही किसी ने हाथ में थाली, किसी के हाथ में घंटी जिसके हाथ में कुछ भी नहीं उसने ताली से काम चलाया लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए ऋषिकेश क्षेत्र आज सुबह से ही एक्टिव दिखा। सुबह जनता कर्फ्यू का समर्थन किया और शाम को कोरोना के कर्मवीरों को सलाम करने के लिए सभी अपनी अपनी बालकनी और छतों पर आ गए। कोरोना के खिलाफ विश्व लड़ रहा है । इस वक्त हम घरों में हैं लेकिन कोई है, जो बाहर है और कोरोना से जंग लड़ने के लिए ड्यूटी पर तैनात है। स्वास्थ्य कर्मी ,सुरक्षाकर्मियों , मीडिया को ग्रामीणों ने सलाम किया ।
देशभर के विभिन्न राज्यों के साथ उत्तराखंड की देवभूमि ऋषिकेश में भी प्रधानमंत्री के आह्वान पर आहूत जनता कर्फ्यू ऐतिहासिक रूप से सफल हुआ है।अतंर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में महापौर अनिता ममगाई दिन भर घर से ही तमाम प्रशासनिक व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करती रही। उन्होंने उपजिलाधिकारी प्रेमलाल व शहर कोतवाल रितेश शाह से दूरभाष से शहर की गतिविधियों की तमाम जानकारियों जुटाई।
महापौर ने बताया कि विभिन्न स्थानों से करीब दर्जन भर गढवाल मूल के लोग आज ऋषिकेश पहुंचे थे जिनकी प्रशासन द्वारा एम्स हास्पिटल में स्क्रीनिंग एवं अन्य टेस्ट कराकर रिपोर्ट सही पाये जाने पर उन्हें गढवाल के विभिन्न स्थानों के लिए रवाना किया गया।
जनता कफ्यू में ऐतिहासिक सहयोग देने के लिए शहर की जनता काा आभार जतायाा।उन्होंने कहा कि कोरोना से मुकाबले को शहरवासियों को मिलकर मुकाबला करना होगा। बगैर लोगों के सहयोग के सरकार इस वैश्विक आपदा से मुकाबला नहीं कर सकती। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड में 31 मार्च तक किए गए लाँक डाउन के निर्णय को बेहद महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने के लिए यह कदम बेहद जरूरी था। उन्होंने शहरवासियों से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे निर्देशों का सख्ती के साथ अनुपालन करने का आह्वान भी किया।
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