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देहरादून:



 
एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के अंतर्गत उत्तराखण्ड एपिडेमिक डिजीज  COVID -19 रेगुलेशन 2020 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अग्रिम आदेशों तक उत्तराखण्ड में सभी  घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री नीतेश झा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि  COVID  -19 के फैलाव को रोकने के लिए अनावश्यक भ्रमण न करने के लिए पूर्व अनेक एडवायजरी जारी की गई हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में घरेलू और विदेशी पर्यटकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता महसूस की गई ताकि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

राज्य सरकार द्वारा 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को 31 मार्च तक घर पर ही रहने की अपील की गई है। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, श्री नीतेश झा द्वारा जारी एडवायजरी में सलाह दी गई है कि मेडिकल प्रोफेशनल और अन्य आवश्यक सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों के अलावा अन्य सभी 65 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक 31 मार्च तक घर पर ही रहें। एडवायजरी में 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भी घर से बाहर न निकलने देने की सलाह दी गई है। यह एडवायजरी इस बात को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है कि बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर कोरोना वायरस के संक्रमण का अधिक प्रभाव देखने को मिला है।

अनु सचिव उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग श्री अखिलेश मिश्रा ने बताया कि विश्व भर में कोरोना वायरस का संक्रमण जन समस्या के रूप में आपदा का रूप ले रहा है। इस स्थिति को देखते हुए उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग, देहरादून द्वारा सिर्फ अति-महत्वपूर्ण प्रकरणों में सुनवाई की जा रही हैं। वर्तमान स्थिति में सक्रमण की त्वरित प्रकृति के दृष्टिगत निरंतर प्रभावी रोकथाम करने हेतु दिनांक 23, 24, 25, 26, 30 एवं 31 मार्च, 2020 को आयोग में निर्धारित परिवादों की सुनवाई नहीं होगी तथा उक्त तिथियों में लगे हुए परिवादों में सुनवाई क्रमशः दिनांक 24, 25, 26, 27 एवं 31 अगस्त, 2020 तथा दिनांक 01 सितम्बर, 2020 को की जायेगी।

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