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   रुद्रप्रयाग:
भूपेन्द्र भण्डारी

 फाटा-ब्यूंगगाढ़ जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही लैंको कंपनी की जमीन पर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अवैध तरीके से क्रशर प्लांट लगा दिया है। इसको लेकर लैंकों कंपनी ने आपत्ति दर्ज की है और इसकी शिकायत प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से की है। शिकायत के बावजूद अभी तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है।
 दरअसल लैंको कंपनी को परियोजना निर्माण के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2008 में 16.37 हेक्टेयर जमीन लीज पर दी थी। जिसमें जामू वन पंचायत के अन्तर्गत 23 नाली (.46 हेक्टेयर) जमीन लीज पर दी गई। इसी स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण कार्य कर रही कंस्ट्रक्शन कंपनी ने क्रशर प्लांट स्थापित कर दिया है। इस संबंध में लैंकों कंपनी की ओर से वन विभाग और जिला प्रशासन को पत्र भेजकर आपत्ति जताई गई है। पत्र में लैंकों कंपनी के प्रबंधक राजेश राय ने कहा है कि बिना किसी सूचना के कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लैंकों कंपनी की जमीन पर प्लांट स्थापित किया है। यह सरासर नियम विरूद्ध है। लैंकों ने लीज की जमीन के एवज में वन विभाग को करीब 12 करोड़ रुपए की धनराशि भी दी है। उन्होंने कहा कि एनएच के मानकानुसार 12 मीटर सड़क चौड़ी होनी है। लेकिन कंस्ट्रक्शन कंपनी अपने प्लांट के लिए लैंकों की जमीन को कब्जा कर रही है। जबकि यह जमीन तीस साल के लिए लैंकों को लीज पर मिली है।
- इस जमीन पर लैंकों कंपनी ने विभिन्न प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए थे, जिन्हें कार्यदायी संस्था ने नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि जल्द कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ कारवाई न हुई तो वह न्यायालय की शरण में जायेंगे। उधर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि पूर्व में यह जमीन लैंको के नाम पर थी। अब यह जमीन एनएच के नाम ट्रांसफर हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए एनएच ने 24 मीटर जमीन अधिग्रहीत की गई है। वहीं प्रभागीय वनाधिकारी वैभव सिंह ने इस मामले में यूनिट अधिकारी गुप्तकाशी को जांच के आदेश दिए हैं।

भले ही आलवेदर निर्माण के लिए 24 मीटर लैको परियोजना की जमीन को अधिग्रहित की गयी हो लेकिन सवाल यह उठाता है कि क्या इस मामले में जमीन मालिक को नहीं पूछा जाना चाहिए था। सवाल यह भी उठाता है कि अगर लीज वाली जिस लैको परियोजना की जमीन पर एन  एच की कस्ट्रक्शन कम्पनी ने 24 मीटर अधिग्रहित किया है उसका जमा पैसा परियोजना को नही लौटाना चाहिए था। इन सवालों के बीच एक सच यह भी है कि 24 मीटर अधिग्रहण की आङ में कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बङे क्षेत्र में स्टोन क्रेशर का मलबा गिरा कर नुकसान पहुंचाया गया है जिससे यह प्रतीत होता है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी और उधर के नाम पर लैंको परियोजना की जमीन पर अतिक्रमण कर रही है।

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