रूद्रप्रयाग:
भूपेन्द्र भण्डारी
नेहरू युवा केन्द्र विभाग द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना के जरिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिससे पहाड़ के दूरस्थ गांवों में छात्रों को बेहतर भविष्य बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं।
छात्रों और युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए शहरों की चकाचैंध में भले ही एक से बढ़कर एक माध्यम उपलब्ध रहते हो लेकिन पहाड़ के जटिल जीवन में संधासनों की उपलब्धता भी शून्य हो जाती है। ऐसे में शहरों से दूर पहाड़ के गाँवों में छात्रों को करियर बनाने के लिए उचित माध्यम और मार्गदर्शन न मिलने से अक्सर पहाड़ के छात्र आधुनिक रेस में पिछड़ जाते हैं, लेकिन जब कभी भी उन्हें अवसर दिया जाता है तो वे उस मौके को भुनाने में पूरी सिद्दत के साथ खड़े हो जाते हैं। पहाड़ के दूरस्थ स्कूलों के प्रतिभावान बच्चों के भीतर की काबिलियत पहचानने और उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेहरू युवा केन्द्र विभाग के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक जीवन के साथ-साथ बेहतर भविष्य बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम से छात्र न केवल उत्साहित हैं बल्कि करियर बनाने के गुरू मंत्र को भी आत्मसात भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्रों में छात्र अपना भविष्य बना सकें, इसके लिए जखोली विकासखण्ड के दीपक डिमरी इंटर काॅलेज स्वीली-सेम में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों का मार्गदर्शन किया जा रहा है और उन्हें टिप्स दिए जा रहे हैं। अध्यापक भी मानते हैं कि इस तरह की कार्यशाला पहाड़ की प्रतिभाओं को निखारने में सार्थक सिद्ध हो सकती है, बशर्ते ये कार्यक्रम निरंतर चलते रहे। उधर नेहरू युवा केन्द्र के जिला समन्वयक का कहना है कि योजना के मुताबिक पहाड़ के छात्रों को लगातर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहेगा।
वास्तव में सरकार की यह योजना निरंतर चलती रही तो पहाड़ को बच्चों को न केवल बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा बल्कि वे अपने भविष्य को भी सही दिशा में ले जा सकते हैं। बस जरूरत है तो इस तरह के कार्यक्रम विद्यालयों में होते रहे।
भूपेन्द्र भण्डारी
नेहरू युवा केन्द्र विभाग द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना के जरिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिससे पहाड़ के दूरस्थ गांवों में छात्रों को बेहतर भविष्य बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं।
छात्रों और युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने के लिए शहरों की चकाचैंध में भले ही एक से बढ़कर एक माध्यम उपलब्ध रहते हो लेकिन पहाड़ के जटिल जीवन में संधासनों की उपलब्धता भी शून्य हो जाती है। ऐसे में शहरों से दूर पहाड़ के गाँवों में छात्रों को करियर बनाने के लिए उचित माध्यम और मार्गदर्शन न मिलने से अक्सर पहाड़ के छात्र आधुनिक रेस में पिछड़ जाते हैं, लेकिन जब कभी भी उन्हें अवसर दिया जाता है तो वे उस मौके को भुनाने में पूरी सिद्दत के साथ खड़े हो जाते हैं। पहाड़ के दूरस्थ स्कूलों के प्रतिभावान बच्चों के भीतर की काबिलियत पहचानने और उन्हें बेहतर भविष्य बनाने के लिए युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नेहरू युवा केन्द्र विभाग के माध्यम से छात्रों को व्यावहारिक जीवन के साथ-साथ बेहतर भविष्य बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम से छात्र न केवल उत्साहित हैं बल्कि करियर बनाने के गुरू मंत्र को भी आत्मसात भी कर रहे हैं।
स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के क्षेत्रों में छात्र अपना भविष्य बना सकें, इसके लिए जखोली विकासखण्ड के दीपक डिमरी इंटर काॅलेज स्वीली-सेम में आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों का मार्गदर्शन किया जा रहा है और उन्हें टिप्स दिए जा रहे हैं। अध्यापक भी मानते हैं कि इस तरह की कार्यशाला पहाड़ की प्रतिभाओं को निखारने में सार्थक सिद्ध हो सकती है, बशर्ते ये कार्यक्रम निरंतर चलते रहे। उधर नेहरू युवा केन्द्र के जिला समन्वयक का कहना है कि योजना के मुताबिक पहाड़ के छात्रों को लगातर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहेगा।
वास्तव में सरकार की यह योजना निरंतर चलती रही तो पहाड़ को बच्चों को न केवल बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा बल्कि वे अपने भविष्य को भी सही दिशा में ले जा सकते हैं। बस जरूरत है तो इस तरह के कार्यक्रम विद्यालयों में होते रहे।
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