महाशिवरात्रि के पर्व को पूरे विश्व में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महाशिवरात्रि के पर्व की बधाई दी है.
महाशिवरात्रि का दुर्लभ संयोग कई वर्षों पश्चात पद रहा है. जलाभिषेक का समय दोपहर १२ बजे से माना गया है.
शिवजी को बेलपत्री ,धतूरे, और सफ़ेद पुष्प अत्यंत प्रिय है. जल के अतिरिक्त दही, घी ,कच्चा दूध, शहद , से भी भगवान् शिव का अभिषेक मान्य है. फल के रूप में बेर को चढ़ाना शुभ माना जाता है.
शिवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है.
मनोवांछित फल पाने के लिए शिवजी के इस मंत्र का जाप करें:
महाशिवरात्रि का दुर्लभ संयोग कई वर्षों पश्चात पद रहा है. जलाभिषेक का समय दोपहर १२ बजे से माना गया है.
शिवजी को बेलपत्री ,धतूरे, और सफ़ेद पुष्प अत्यंत प्रिय है. जल के अतिरिक्त दही, घी ,कच्चा दूध, शहद , से भी भगवान् शिव का अभिषेक मान्य है. फल के रूप में बेर को चढ़ाना शुभ माना जाता है.
शिवरात्रि के पावन अवसर पर मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गयी है.
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