रुद्रप्रयाग:
भूपेन्द्र भण्डारी
विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत जाखाल भरदार में चीड़ के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। पूर्व में भी पेड़ गिरने से अनहोनी होते-होते टली है। इसके बावजूद आज तक सूख चुके पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है।
पूवी भरदार के जाखाल गांव में चीड़ के पेड़ आवासीय मकानों और ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। गांव के ठीक ऊपर चीड़ के कई पेड़ सूखे हुए हैं। जो कभी भी गिर सकते हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने वन विभाग से भी शिकायत की थी। इस पर जांच के लिए वन विभाग की टीम भी गांव में आई थी। लेकिन अभी तक पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है। आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं के चलते कई पेड़ गिर चुके हैं। जंगल से गांव के सटे होने से हर समय ग्रामीणों और मवेशियों को खतरा बना रहता है। अगर जल्द पेड़ों का छपान नहीं हुआ तो गांव में कभी भी अनहोनी हो सकती है।
भूपेन्द्र भण्डारी
विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत जाखाल भरदार में चीड़ के पेड़ कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। पूर्व में भी पेड़ गिरने से अनहोनी होते-होते टली है। इसके बावजूद आज तक सूख चुके पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है।
पूवी भरदार के जाखाल गांव में चीड़ के पेड़ आवासीय मकानों और ग्रामीणों के लिए खतरा बने हुए हैं। गांव के ठीक ऊपर चीड़ के कई पेड़ सूखे हुए हैं। जो कभी भी गिर सकते हैं। इस संबंध में ग्रामीणों ने वन विभाग से भी शिकायत की थी। इस पर जांच के लिए वन विभाग की टीम भी गांव में आई थी। लेकिन अभी तक पेड़ों का छपान नहीं हो पाया है। आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं के चलते कई पेड़ गिर चुके हैं। जंगल से गांव के सटे होने से हर समय ग्रामीणों और मवेशियों को खतरा बना रहता है। अगर जल्द पेड़ों का छपान नहीं हुआ तो गांव में कभी भी अनहोनी हो सकती है।
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