ऋषिकेश:
गंगा तट त्रिवेणी घाट पर कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आज शुभारंभ हो गया।
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर पुलवामा में वीरगति प्राप्त सैनिकों की स्मृति व शहीदों के निमित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिक कभी मरते नही वह अमर होकर अपना नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में अंकित करा लेते हैं। शहीदों के साथ उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आएगी प्राकृतिक आपदा के दौरान अकाल मौत का ग्रास बने लोगोंं की आत्मिक शांति लिए गंगा तट पर धार्मिक अनुष्ठान करवाना बेहद पुनित कार्य है।इसके लिए कथा आयोजक साधुवाद के पात्र हैं। कथा के प्रथम दिवस पर व्यास पीठ से कथा प्रवचन करते हुए आचार्य भरत किशोर महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से सब कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।रविवार को श्रीमद भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ हुआ। भक्तिमय माहौल में 14 बीघा से प्रराम्भ हुई कलश यात्रा का लोगोंं द्वारा स्वागत किया। व्यास मंच के पूजन के उपरांत प्रथम दिन कथा के माध्यम से श्रीमद भागवत के महात्मय की विस्तार से चर्चा की गई।
कथा वाचक ने अपने अमृत प्रवचनों में कहा कि मानव मन का मंथन कर आनंद की अनुभूति कराता है श्रीमदभागवत महापुराण। उन्होंने कहा कि भागवत शास्त्र का आदर्श दिव्य है। घर में रहते हुए ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बताती है भागवत कथा। कथा का अमृत पीने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और जीव पवित्र होता है।इस अवसर पर ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष गंगाराम व्यास, पंडित रवि शास्त्री, अमरनाथ शास्त्री, अभिषेक शर्मा,कमलेश जैन,अनिल गौरोला, दक्षेश नोटियाल ,पुष्पा देवी ,मीना देवी, रेखा देवी ,कुसुम लता ,राहुल शर्मा, जतन स्वरूप भटनागर ,रमाकान्त भारद्वाज आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
गंगा तट त्रिवेणी घाट पर कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आज शुभारंभ हो गया।
माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर पुलवामा में वीरगति प्राप्त सैनिकों की स्मृति व शहीदों के निमित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिक कभी मरते नही वह अमर होकर अपना नाम हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में अंकित करा लेते हैं। शहीदों के साथ उत्तराखंड में वर्ष 2013 में आएगी प्राकृतिक आपदा के दौरान अकाल मौत का ग्रास बने लोगोंं की आत्मिक शांति लिए गंगा तट पर धार्मिक अनुष्ठान करवाना बेहद पुनित कार्य है।इसके लिए कथा आयोजक साधुवाद के पात्र हैं। कथा के प्रथम दिवस पर व्यास पीठ से कथा प्रवचन करते हुए आचार्य भरत किशोर महाराज ने कहा कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से सब कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।रविवार को श्रीमद भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश शोभा यात्रा के साथ हुआ। भक्तिमय माहौल में 14 बीघा से प्रराम्भ हुई कलश यात्रा का लोगोंं द्वारा स्वागत किया। व्यास मंच के पूजन के उपरांत प्रथम दिन कथा के माध्यम से श्रीमद भागवत के महात्मय की विस्तार से चर्चा की गई।
कथा वाचक ने अपने अमृत प्रवचनों में कहा कि मानव मन का मंथन कर आनंद की अनुभूति कराता है श्रीमदभागवत महापुराण। उन्होंने कहा कि भागवत शास्त्र का आदर्श दिव्य है। घर में रहते हुए ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बताती है भागवत कथा। कथा का अमृत पीने से जन्म जन्मांतर के पापों का नाश होता है और जीव पवित्र होता है।इस अवसर पर ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष गंगाराम व्यास, पंडित रवि शास्त्री, अमरनाथ शास्त्री, अभिषेक शर्मा,कमलेश जैन,अनिल गौरोला, दक्षेश नोटियाल ,पुष्पा देवी ,मीना देवी, रेखा देवी ,कुसुम लता ,राहुल शर्मा, जतन स्वरूप भटनागर ,रमाकान्त भारद्वाज आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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