Halloween party ideas 2015


रूद्रप्रयाग:
 
 

 भले ही उत्तराखण्ड के पहाड़ी गाँव बड़े पैमाने पर पलायन का दंश झेल रहे हो और यहां के गाँव के गाँव वीरान और खण्डहरों में तब्दील हो रहे हैं। लेकिन उत्तराखण्ड सरकार ने जब से होम स्टे योजना उत्तराखण्ड में लागू की है तब से कई परिवार होम स्टे योजना के जरिए न केवल पहाड़ के गाँवों को आबाद करने में जुटे हैं बल्कि पहाड़े के पुराने घरों में पहाड़ की संस्कृति के भी दर्शन करवा रहे हैं। 
 

  सरकार की होम स्टे योजना ,अब पर्वतीय गाँवों में परवाने चढ़ने लगी है। खास तौर पर यहां के पर्यटक और तीर्थस्थलों को जाने वाले मोटर मार्गों से सटे गाँवों में यह योजना रोजगार का प्रमुख साधन बन रहा है। उखीमठ के दूरस्थ गाँव सारी में दिलबर सिंह नेगी ने अपने पुराने मकान पर होम स्टे योजना शुरू की है, जो देश-विदेश के पर्यटकों को काफी पसंद आ रहा है। खास तौर पर इस होम स्टे में गढ़वाली व्यंजनों का पर्यटक खूब लुफ्त ले रहे हैं। 
 
 रूद्रप्रयाग जनपद का प्रमुख पर्यटक स्थल देवरियाताल के आधार शिविर में बसा सारी गाँव यूँ तो प्रकृति की नेहमतों से परिपूर्ण हैं लेकिन इस गाँव के ठीक ऊपर बसा देवरियाताल को देखने के लिए यहां वर्ष भर पर्यटकों की आवोभगत रहती है। ऐसे में पर्यटकों को रूकने की सबसे पसंददीदा जगह सारी गांव ही रहती है। हालांकि इस गांव में होटल लाॅज ढांबे तो बहुत हैं लेकिन पहाड़ी मकान पर होम रूकने ठहने के साथ साथ भोजन की पहाड़ के खान पान की व्यवस्था दिलबर के परिवार ने ही कर रखी है। जो बाहर से आने वाले पयटकों को बहुत ही पंसद आ रहा है। 


उत्तराखण्ड के चारों धामों के अलावा प्रमुख पर्यटक स्थलों को जाने वाले मार्गों से जुड़े गाँवों में अगर सरकार लोगों को होम स्टे योजना के लिए अगर प्रोत्साहित करती है तो न केवल गाँवों का पलायन रूकेगा बल्कि ग्रामीणों को रोजगार के साथ साथ वर्ष भर गाँव पर्यटकों की चहलकदमी से गुलजार भी रहेंगे। ऐसे में जरूरत है तो इस ओर गम्भीरता से कार्य करने की।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.