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 रूद्रप्रयाग:

भूपेंद्र  भण्डारी
file photo

 पहाड़ों में सरकारी विद्यालयों की बदहाली का आलम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर सरकारें हर वर्ष शिक्षा के नाम पर भारी भरकम बजट खर्च कर रही हैं।  वही दूसरी ओर पहाड़ के कई विद्यालय आज भी जीर्ण-शीर्ण हादसों को न्यौता दे रहे हैं। रूद्रप्रयाग के विकासखण्ड अगस्त्यमुनि का प्राथमिक विद्यालय भी बदहाली का रोना रो रहा है।

अगस्यमुनि ब्लाॅक का प्राथमिक विद्यालय कलना शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते हादसों को दावत दे रहा है। विद्यालय भवन की दीवारों पर पड़ी मोटी-मोटी दरारें यहां अध्ययनरत नौनिहालों और अध्यापकों को हर समय डराती हैं, लेकिन शिक्षा विभाग को बार-बार भवन की मरमत को लेकर अनुरोध करने के बावजूद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कब अनहोनी हो जाय कुछ कहा नहीं जा सकता है?

भारी ठंड में नौनिकाल कमरों की बजाय बरामदे में पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन हमारी सरकारें, राजनेता, निति-निधारकों और योजनाकारों को पहाड़ के इन नौनिहालों की जरा भी फिक्र नहीं है। यह पहली तस्वीर नहीं है बल्कि पहाड़ के अधिकतर विद्यालयों की स्थिति इसी तरह से बदहाल है।

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