देहरादून :
देहरादून दुग्ध संघ शुरू से विवादों के घेरो मे आता रहा है । जहां पहले बाहरी राज्यों से मंहगे दरो पर दूध खरीद का मामला हो । देहरादून दुग्ध संघ बने उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे । वहीं अब दुग्ध संघ 2.50 करोड ऋण लेने जा रहे है । जहां बोर्ड के सदस्यों की आपत्ति के बाद भी प्रस्ताव को स्वीकृति ले कोशिश की जा रही है । जहां पूर्व के एजेड मे प्रस्ताव को नहीं रखा है ।
बोर्ड सदस्यों भूमि सिंह,मनोरमा बोहरा ,कमला कैन्तुरा ,सुनीता कृषाली, खेम सिंह पाल,ने कहा कि बैठक मे एनसीडीपी योजना से ऋण का प्रस्ताव पूर्व बैठक मे सदस्यों के सामने नहीं ला गया है । जहां इस ऋण को गुपचुप तरीके प्रस्ताव को लिखा गया है ।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष एवं प्रधान प्रबंधक की मनमानी से दुग्ध संघ बर्बादी की कगार पर है ।दुग्ध संघ मे भारी वित्तीय अनियमिताये है । अगर दुग्ध संघ की निष्पक्ष रूप से जाँच होती है । दुग्ध संघ के घोटाले सामने आ सकते है ।
देहरादून दुग्ध संघ शुरू से विवादों के घेरो मे आता रहा है । जहां पहले बाहरी राज्यों से मंहगे दरो पर दूध खरीद का मामला हो । देहरादून दुग्ध संघ बने उत्पाद की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठे । वहीं अब दुग्ध संघ 2.50 करोड ऋण लेने जा रहे है । जहां बोर्ड के सदस्यों की आपत्ति के बाद भी प्रस्ताव को स्वीकृति ले कोशिश की जा रही है । जहां पूर्व के एजेड मे प्रस्ताव को नहीं रखा है ।
बोर्ड सदस्यों भूमि सिंह,मनोरमा बोहरा ,कमला कैन्तुरा ,सुनीता कृषाली, खेम सिंह पाल,ने कहा कि बैठक मे एनसीडीपी योजना से ऋण का प्रस्ताव पूर्व बैठक मे सदस्यों के सामने नहीं ला गया है । जहां इस ऋण को गुपचुप तरीके प्रस्ताव को लिखा गया है ।
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष एवं प्रधान प्रबंधक की मनमानी से दुग्ध संघ बर्बादी की कगार पर है ।दुग्ध संघ मे भारी वित्तीय अनियमिताये है । अगर दुग्ध संघ की निष्पक्ष रूप से जाँच होती है । दुग्ध संघ के घोटाले सामने आ सकते है ।
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