रूद्रप्रयाग:
भूपेन्द्र भण्डारी
खबर रूद्रप्रयाग से है जहाँ बेरहम सिस्टम द्वारा 65 साल के वृद्ध को मजदूरी के लिए एक वर्ष से दर-दर घुमाया जा रहा है लेकिन मजदूरी देना तो दूर गरीब और वृद्ध मजदूर को अधिकारियों द्वारा जेल में डालने की धमकी दी जा रही है।
सिस्टम में बैठे कुछ अधिकारी कितने बेरहम और निरंकुश हो चले है कि उन्हें तो न गरीबी समझ में आती है और न गरीबों का दर्द। बस कमिशन के लालच में वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
मामला जखोली विकास खण्ड के घरियाणा गाँव का है जहा 65 वर्षीय बुर्जुग उदय सिंह पंवार ने टोलीनायक और मिस्त्री के रूप में 14वाँ वित्त के अन्तर्गत सीसी मार्ग का निर्माण कार्य बीते जनवरी माह में सम्पन्न करवा दिया था। लेकिन वृद्ध की 44 हजार एक सौ रूपये की मजदूरी विभाग द्वारा एक वर्ष बाद भी नहीं दी गई।
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी के दर्जनों चक्कर काटने के बाद भी कोई कार्यावाही नहीं हुई तो तीन माह पूर्व क्षुब्ध होकर बुर्जर्ग ने कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। तब ग्राम विकास अधिकारी ने लिखित में यह कहकर आन्दोलन को स्थगित करवाया कि वे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आचार सहिंता समाप्ति के बाद भुगतान किया जायेगा परंन्तु कमिशन न दिए जाने के चलते यह भुगतान आज भी लटकाया हुआ है। जबकि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा बुर्जुग मजदूर को जेल में डालने की धमकी भी दी जा रही है। हालांकि जिलाधिकारी के संज्ञान में यह पूरा मामला है ।
बड़ा सवाल तो यह है जिस 14वां वित्त में यह कार्य हुआ है उस कार्य का पैंसा पहले आता है और कार्य बाद में किया जाता है। ऐसे में एक वर्ष बाद भी गरीब मजदूरों की ध्याड़ी न दिया जाना अधिकारियों की मंशा पर सवाल तो खड़े करता ही है बल्कि अधिकारी की जनता के प्रति जवाबदेही और निरंकुशता को भी दर्शाता है। अब देखना होगा जिलाधिकारी इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।
भूपेन्द्र भण्डारी
खबर रूद्रप्रयाग से है जहाँ बेरहम सिस्टम द्वारा 65 साल के वृद्ध को मजदूरी के लिए एक वर्ष से दर-दर घुमाया जा रहा है लेकिन मजदूरी देना तो दूर गरीब और वृद्ध मजदूर को अधिकारियों द्वारा जेल में डालने की धमकी दी जा रही है।
सिस्टम में बैठे कुछ अधिकारी कितने बेरहम और निरंकुश हो चले है कि उन्हें तो न गरीबी समझ में आती है और न गरीबों का दर्द। बस कमिशन के लालच में वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
मामला जखोली विकास खण्ड के घरियाणा गाँव का है जहा 65 वर्षीय बुर्जुग उदय सिंह पंवार ने टोलीनायक और मिस्त्री के रूप में 14वाँ वित्त के अन्तर्गत सीसी मार्ग का निर्माण कार्य बीते जनवरी माह में सम्पन्न करवा दिया था। लेकिन वृद्ध की 44 हजार एक सौ रूपये की मजदूरी विभाग द्वारा एक वर्ष बाद भी नहीं दी गई।
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी के दर्जनों चक्कर काटने के बाद भी कोई कार्यावाही नहीं हुई तो तीन माह पूर्व क्षुब्ध होकर बुर्जर्ग ने कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। तब ग्राम विकास अधिकारी ने लिखित में यह कहकर आन्दोलन को स्थगित करवाया कि वे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की आचार सहिंता समाप्ति के बाद भुगतान किया जायेगा परंन्तु कमिशन न दिए जाने के चलते यह भुगतान आज भी लटकाया हुआ है। जबकि ग्राम विकास अधिकारी द्वारा बुर्जुग मजदूर को जेल में डालने की धमकी भी दी जा रही है। हालांकि जिलाधिकारी के संज्ञान में यह पूरा मामला है ।
बड़ा सवाल तो यह है जिस 14वां वित्त में यह कार्य हुआ है उस कार्य का पैंसा पहले आता है और कार्य बाद में किया जाता है। ऐसे में एक वर्ष बाद भी गरीब मजदूरों की ध्याड़ी न दिया जाना अधिकारियों की मंशा पर सवाल तो खड़े करता ही है बल्कि अधिकारी की जनता के प्रति जवाबदेही और निरंकुशता को भी दर्शाता है। अब देखना होगा जिलाधिकारी इस मामले में क्या कार्यवाही करते हैं।
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