ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
प्रदेश मे नौनिहालों के लिये खुले सरकारी प्राथमिक विघालय के हालत कितने बुरे है । जहां आज भी नौनिहालों को शिक्षा ग्रहण करने के लिये कही किलोमीटर का सफर तय करना पडता है । हम बात कर रहे ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत साहबनगर मे राजकीय प्राथमिक विघालय का भवन जर्जर हालात मे है । जहां जर्जर भवन होने की वजह से कक्षा का संचालन पंचायत घर मे चलाया जा रहा है ।दो साल से स्कूल पंचायत घर में ही संचालित हो रहा है लेकिन भवन की मरम्मत को लेकर जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है ।साहबनगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के भवन की जर्जर हालत को देखते हुये स्थानीय ग्राम पंचायत ने अगस्त 2017 कक्षाओं को पंचायत घर मे शिफ्ट कर दिया ।
तब से एक ही हाल मे एक से पांच तक की कक्षाएं चल रही है । इसी हाल मे मिड डे मील भी बनता है वर्तमान मे विघालय मे 37 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है । वहीं विद्यालय प्रबंधन समिति ने अपने स्तर से बच्चों के बैठने के लिए समुचित इंतजाम किया हुआ है लेकिन एक ही हाल में पांच कक्षाये चलाने से पठन-पाठन में दिक्कत आना स्वभाविक है जाहिर सी बात है कि जिस विद्यालय के पास खुद का भवन ना हो वहां छात्र संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद कैसे की जा सकती है । वहीं विद्यालय का खुद का भवन बेहद जर्जर अवस्था में है ।पंचायत और प्रधानाध्यापक के स्तर से पत्राचार भी किया गया ।लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है
उत्तम सिंह
प्रदेश मे नौनिहालों के लिये खुले सरकारी प्राथमिक विघालय के हालत कितने बुरे है । जहां आज भी नौनिहालों को शिक्षा ग्रहण करने के लिये कही किलोमीटर का सफर तय करना पडता है । हम बात कर रहे ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत साहबनगर मे राजकीय प्राथमिक विघालय का भवन जर्जर हालात मे है । जहां जर्जर भवन होने की वजह से कक्षा का संचालन पंचायत घर मे चलाया जा रहा है ।दो साल से स्कूल पंचायत घर में ही संचालित हो रहा है लेकिन भवन की मरम्मत को लेकर जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही है ।साहबनगर के राजकीय प्राथमिक विद्यालय के भवन की जर्जर हालत को देखते हुये स्थानीय ग्राम पंचायत ने अगस्त 2017 कक्षाओं को पंचायत घर मे शिफ्ट कर दिया ।
तब से एक ही हाल मे एक से पांच तक की कक्षाएं चल रही है । इसी हाल मे मिड डे मील भी बनता है वर्तमान मे विघालय मे 37 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है । वहीं विद्यालय प्रबंधन समिति ने अपने स्तर से बच्चों के बैठने के लिए समुचित इंतजाम किया हुआ है लेकिन एक ही हाल में पांच कक्षाये चलाने से पठन-पाठन में दिक्कत आना स्वभाविक है जाहिर सी बात है कि जिस विद्यालय के पास खुद का भवन ना हो वहां छात्र संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद कैसे की जा सकती है । वहीं विद्यालय का खुद का भवन बेहद जर्जर अवस्था में है ।पंचायत और प्रधानाध्यापक के स्तर से पत्राचार भी किया गया ।लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं है
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