राजकीय इंटर कॉलेज माजरी माफ़ी में अंतर्राष्ट्रीय घरेलू हिंसा उन्मूलन मुक्त दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं को कन्या भ्रणहत्या, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के प्रति जागरूक किया गया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में मुख्य बाल विकास परियोजना अधिकारी अंजू डबराल ने कहा कि हमारा देश वर्तमान परिपेक्ष में हर क्षेत्र में आगे है ऐसे में कन्या भ्रणहत्या, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामले एक बड़ी समस्या है जिसके लिए हम सभी को जागरूक होकर आवाज उठाने की आवश्यकता है। यदि हम समय रहते अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं तो इन अपराधों में अंकुश लगाया जा सकता है।
अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने छात्र-छात्राओं कानूनी जानकारी देते हुए कहा कि कन्या भ्रणहत्या, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न व दहेज हत्या को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं जिनके माध्यम से अपराधियों को सजा का प्रावधान है। यदि कोई भी महिला किसी भी तरह से घरेलू हिंसा या दहेज उत्पीड़न की शिकार होती है तो उसे इसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठानी चाहिए ताकि वह समय रहते खुद का बचाव कर सके।
वरिष्ठ चिकित्सक गरिमा कोठियाल द्वारा विद्यार्थियों को कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जानकारी दी गई कि हम सभी को मिलकर अपने आसपास के क्षेत्र में होने वाली कन्या भ्रूण हत्या के प्रति सजग रहने की जरूरत है कभी-कभी हमें इसकी सूचना भी रहती है लेकिन हम इसकी जानकारी किसी को देना नहीं चाहते हैं जबकि इसकी जानकारी को छुपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
महिला शक्ति केंद्र की महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी द्वारा विभाग की अन्य योजनाओं जिसमें 181व 1098 सी बॉक्स वन स्टॉप सेंटर तथा छेड़खानी से संबंधित एक्ट के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य ए रहमान द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जानकारी दी गई।
इस अवसर पर सरिता अग्रवाल, सरोजिनी गौड, रेनू लांबा, आदि उपस्थित थे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में मुख्य बाल विकास परियोजना अधिकारी अंजू डबराल ने कहा कि हमारा देश वर्तमान परिपेक्ष में हर क्षेत्र में आगे है ऐसे में कन्या भ्रणहत्या, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामले एक बड़ी समस्या है जिसके लिए हम सभी को जागरूक होकर आवाज उठाने की आवश्यकता है। यदि हम समय रहते अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं तो इन अपराधों में अंकुश लगाया जा सकता है।
अधिवक्ता मनीष कुमार धीमान ने छात्र-छात्राओं कानूनी जानकारी देते हुए कहा कि कन्या भ्रणहत्या, घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न व दहेज हत्या को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं जिनके माध्यम से अपराधियों को सजा का प्रावधान है। यदि कोई भी महिला किसी भी तरह से घरेलू हिंसा या दहेज उत्पीड़न की शिकार होती है तो उसे इसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठानी चाहिए ताकि वह समय रहते खुद का बचाव कर सके।
वरिष्ठ चिकित्सक गरिमा कोठियाल द्वारा विद्यार्थियों को कन्या भ्रूण हत्या के बारे में जानकारी दी गई कि हम सभी को मिलकर अपने आसपास के क्षेत्र में होने वाली कन्या भ्रूण हत्या के प्रति सजग रहने की जरूरत है कभी-कभी हमें इसकी सूचना भी रहती है लेकिन हम इसकी जानकारी किसी को देना नहीं चाहते हैं जबकि इसकी जानकारी को छुपाना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
महिला शक्ति केंद्र की महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी द्वारा विभाग की अन्य योजनाओं जिसमें 181व 1098 सी बॉक्स वन स्टॉप सेंटर तथा छेड़खानी से संबंधित एक्ट के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानाचार्य ए रहमान द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जानकारी दी गई।
इस अवसर पर सरिता अग्रवाल, सरोजिनी गौड, रेनू लांबा, आदि उपस्थित थे।
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