डोईवाला;
उत्तराखंड चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष व कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि धर्म व कर्म के पथ पर चलकर सत्कर्म की प्राप्ति होती है।
डोईवाला;
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि सुख दुख मनुष्य के जीवन में ऋतु की तरह आते जाते रहते हैं। लेकिन मनुष्य को कभी भी अपना धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति ही मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा की जो भगवान की सच्चे मन से भक्ति आराधना करते हैं। उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान भक्तों की भक्ति के प्यासे हैं। मनुष्य जिस रूप में भगवान को याद करता है। भगवान उसी रूप में उसको अपना आशीर्वाद देते हैं। हमारे जीवन की सार्थकता तभी है। जब हम दीन दुखियों की सेवा करें। नर सेवा ही नारायण की सेवा है।
कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर दुष्टों का संहार किया। कथा में संदीप भट्ट, हितेश पंत, अशोक शर्मा, प्रकाश भट्ट, जगदीश उनियाल, संदीप उनियाल, तारा सती, महेश नैनवाल, पंडित लेखराम शास्त्री कोठारी आदि ने भजन कीर्तन किया।
इस मौके पर दिनेश कोठारी, आरपी शर्मा, हरीश कोठारी, राकेश कोठारी, महेश कोठारी, राजेश कोठारी, सुरेंद्र दत्त, वीरेंद्र दत्त, सूरज, प्रकाश, आशा कोठारी, प्रवीण कनौजिया, आरपी शर्मा विजय लक्ष्मी शर्मा बीना सेमवाल, सुषमा देवी, मंजू देवी आदि सैकड़ों श्रद्धालु भी उपस्थित थे।
उत्तराखंड चार धाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष व कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि धर्म व कर्म के पथ पर चलकर सत्कर्म की प्राप्ति होती है।
डोईवाला;
श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह में कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने कहा कि सुख दुख मनुष्य के जीवन में ऋतु की तरह आते जाते रहते हैं। लेकिन मनुष्य को कभी भी अपना धैर्य नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति ही मुक्ति का मार्ग है। उन्होंने कहा की जो भगवान की सच्चे मन से भक्ति आराधना करते हैं। उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भगवान भक्तों की भक्ति के प्यासे हैं। मनुष्य जिस रूप में भगवान को याद करता है। भगवान उसी रूप में उसको अपना आशीर्वाद देते हैं। हमारे जीवन की सार्थकता तभी है। जब हम दीन दुखियों की सेवा करें। नर सेवा ही नारायण की सेवा है।
कथा मर्मज्ञ व्यास आचार्य शिव प्रसाद ममगाईं ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर दुष्टों का संहार किया। कथा में संदीप भट्ट, हितेश पंत, अशोक शर्मा, प्रकाश भट्ट, जगदीश उनियाल, संदीप उनियाल, तारा सती, महेश नैनवाल, पंडित लेखराम शास्त्री कोठारी आदि ने भजन कीर्तन किया।
इस मौके पर दिनेश कोठारी, आरपी शर्मा, हरीश कोठारी, राकेश कोठारी, महेश कोठारी, राजेश कोठारी, सुरेंद्र दत्त, वीरेंद्र दत्त, सूरज, प्रकाश, आशा कोठारी, प्रवीण कनौजिया, आरपी शर्मा विजय लक्ष्मी शर्मा बीना सेमवाल, सुषमा देवी, मंजू देवी आदि सैकड़ों श्रद्धालु भी उपस्थित थे।
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