कनखल:
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कैंसर सर्जरी विभाग द्वारा कनखल, हरिद्वार स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में मासिक कैंसर परीक्षण एवं उपचार शिविर आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 40 मरीजों की जांच की व उन्हें आवश्यक परामर्श दिया। शिविर में संस्थान द्वारा मरीजों को कैंसर के प्रति जागरुक करने के लिए व्याख्यानमाला का आयोजन भी किया गया। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान उत्तराखंड में कैंसर के समुचित उपचार के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा नियमित शिविरों के माध्यम से लोगों की जांच व उपचार के साथ साथ उन्हें इस घातक व जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुक किया जा रहा है, जिससे वह समय रहते स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार सुनिश्चित करा सकें। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना का उद्देश्य उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के लोगों के स्वास्थ्य की त्वरित जांच व समुचित उपचार सुविधाएं मुहैया कराना है। लिहाजा संस्थान में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिविर के दौरान आयोजित व्याख्यान में संस्थान की स्तन रोग विशेषज्ञ प्रो. बीना रवि ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल के चिकित्सकों,कर्मचारियों व अन्य महिलाओं को स्तन कैंसर संंबंधी विस्तृत जानकारियां दी व उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरुक किया। उन्होंने बताया कि स्तन रोग के उपचार के लिए सभी तरह की जरुरी सुविधाएं एम्स संस्थान में निहायत कम शुल्क पर उपलब्ध हैं व इसके लिए बाकायदा संस्थान में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर स्पेशल क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। प्नो. बीना रवि ने महिलाओं को अपने स्तनों की स्वयं जांच व स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्तनों के आकार में बदलाव, गांठ का होना, निपल से रक्त या पानी का आना, निपल पर जख्म का होना आदि स्तन कैंसर के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण पाए जाने पर महिलाओं को तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इस अवसर पर मासिक शिविर में एम्स के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी अग्रवाल, डा. पंकज कुमार गर्ग व डा. धर्माराम पूनिया ने मरीजों का सघन परीक्षण किया और उन्हें उचित परामर्श दिया। इस अवसर पर एम्स की डा. अनुभा अग्रवाल, मिशन के स्वामी दयाधिपानंद महाराज, रेखा अग्रवाल आदि मौजूद थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के कैंसर सर्जरी विभाग द्वारा कनखल, हरिद्वार स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम में मासिक कैंसर परीक्षण एवं उपचार शिविर आयोजित किया गया। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 40 मरीजों की जांच की व उन्हें आवश्यक परामर्श दिया। शिविर में संस्थान द्वारा मरीजों को कैंसर के प्रति जागरुक करने के लिए व्याख्यानमाला का आयोजन भी किया गया। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान उत्तराखंड में कैंसर के समुचित उपचार के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा नियमित शिविरों के माध्यम से लोगों की जांच व उपचार के साथ साथ उन्हें इस घातक व जानलेवा बीमारी के प्रति जागरुक किया जा रहा है, जिससे वह समय रहते स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार सुनिश्चित करा सकें। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि उत्तराखंड में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना का उद्देश्य उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के लोगों के स्वास्थ्य की त्वरित जांच व समुचित उपचार सुविधाएं मुहैया कराना है। लिहाजा संस्थान में मरीजों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। शिविर के दौरान आयोजित व्याख्यान में संस्थान की स्तन रोग विशेषज्ञ प्रो. बीना रवि ने रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अस्पताल के चिकित्सकों,कर्मचारियों व अन्य महिलाओं को स्तन कैंसर संंबंधी विस्तृत जानकारियां दी व उन्हें इस बीमारी के प्रति जागरुक किया। उन्होंने बताया कि स्तन रोग के उपचार के लिए सभी तरह की जरुरी सुविधाएं एम्स संस्थान में निहायत कम शुल्क पर उपलब्ध हैं व इसके लिए बाकायदा संस्थान में इंटिग्रेटेड ब्रेस्ट कैंसर स्पेशल क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है। प्नो. बीना रवि ने महिलाओं को अपने स्तनों की स्वयं जांच व स्तन कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि स्तनों के आकार में बदलाव, गांठ का होना, निपल से रक्त या पानी का आना, निपल पर जख्म का होना आदि स्तन कैंसर के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण पाए जाने पर महिलाओं को तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इस अवसर पर मासिक शिविर में एम्स के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. एसपी अग्रवाल, डा. पंकज कुमार गर्ग व डा. धर्माराम पूनिया ने मरीजों का सघन परीक्षण किया और उन्हें उचित परामर्श दिया। इस अवसर पर एम्स की डा. अनुभा अग्रवाल, मिशन के स्वामी दयाधिपानंद महाराज, रेखा अग्रवाल आदि मौजूद थे।
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