ऋषिकेश :
एम्स ऋषिकेश में हृदय शल्य क्रिया विभाग की ओर से दिल के छोटे मरीजों के साथ बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि संस्थान में बहुत जल्द बच्चों के दिल की सर्जरी के लिए अलग से ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था की जाएगी ,लिहाजा इसके लिए संस्थान में बच्चों के दिल की सर्जरी के लिए अलग यूनिट स्थापित की जाएगी,जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे अपने दिल के ऑपरेशन समय पर कराकर लाभान्वित हो सकें।
संस्थान के निदेशक प्रो. रवि कांत ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि एम्स ऋषिकेश को उन बीमारियों पर केंद्रित होना चाहिए,जिनकी सुविधा अब तक उत्तराखंड में उपलब्ध नहीं है,जिससे अधिकाधिक मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने मरीजों व उनके परिवारजनों को भरोसा दिलाया कि एम्स में छोटे बच्चों के दिल की जटिल समस्याओं की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं और सीटीवीएस डिपार्टमेंट बहुत मेहनत से इस कार्य को अंजाम देने में लगा है। इस अवसर पर जनजागरुकता अभियान के तहत व्याख्यान भी प्रस्तुत किए गए,जिसमें सहायक आचार्य डा. अनीश गुप्ता ने छोटे बच्चों में दिल की सर्जरी के बाद बरती जाने वाली सावधिधानियों और डा. राजा लाहिरी ने वयस्कावस्था में पता लगने वाली जन्मजात दिल की बीमारियों के निदान संबंधी जानकारियां दी। इस अवसर पर सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डा. नम्रता गौर ने बताया कि मरीज को दिल की सर्जरी से भयभीत नहीं होना चाहिए, सही समय पर अस्पताल आकर उपचार कराना चाहिए। उन्होंने दिल की बीमारियों से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों को आगाह किया कि उन्हें इस विषय में अंधविश्वास व लोगों के बहकावे में आकर अपने बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया सही समय पर उपचार कराने से बच्चा एक लंबी व स्वस्थ खुशहाल जिंदगी जी सकता है। इस अवसर पर सीटीवीएस विभाग के नर्सिंग ऑफिसर्स व स्टाफ ने बच्चों को गुव्वारे व गिफ्ट हैंपर आदि देकर उनका स्वागत किया। साथ ही मरीजों के परिजनों ने इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बीमारी से जुड़े कई प्रकार के सवालात किए और जानकारियां हासिल की। इस मौके पर नवजात शिशु विभागाध्यक्ष डा. श्रीपर्णा बासू, आयुष विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना, क्रिटिकल केयर विभागाध्यक्ष डा. अंकित अग्रवाल, प्राचार्य नर्सिंग कॉलेज प्रो. सुरेश कुमार शर्मा, काॅर्डियोलाॅजी विभाग से डा. वरुण, डा. रोहित, डा. यश श्रीवास्तव, निश्चेतना विभाग से डा. अजय मिश्रा, डा. अजीत, डा. निशीत गोविल, शिशु रोग विभाग के डा. नवनीत भट्ट, सीटीवीएस के डा. अंशुमन दरबारी, डा. संदीप गौतम, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग से डा. आशीष जैन,डा. सुशांत कुमार मीनिया मौजूद थे। उधर, बाल दिवस के अवसर पर एम्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से संस्थान परिसर स्थित ब्लूमिंग बड़ क्रच में कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसमें एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने श्रमिकों के बच्चों के साथ बाल दिवस मनाया। जिसमें नर्सिंग के बच्चों ने नन्हें बच्चों के साथ केक काटा। इस दौरान नन्हें मुन्हें बच्चों के लिए खेलकूद व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर कॉलेज की ओर से प्रतियोगिता में अव्वल बच्चों को पुरस्कार भेंट किए गए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में एमएस डा.ब्रह्मप्रकाश, प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. सुरेश कुमार शर्मा, डा.अनुभा अग्रवाल, असिस्टेंड प्रोफेसर मलार कोडी, रूपिंदर देओल, जैवियर वैल्सी आदि मौजूद थे।
एम्स ऋषिकेश में हृदय शल्य क्रिया विभाग की ओर से दिल के छोटे मरीजों के साथ बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि संस्थान में बहुत जल्द बच्चों के दिल की सर्जरी के लिए अलग से ऑपरेशन थियेटर की व्यवस्था की जाएगी ,लिहाजा इसके लिए संस्थान में बच्चों के दिल की सर्जरी के लिए अलग यूनिट स्थापित की जाएगी,जिससे ज्यादा से ज्यादा बच्चे अपने दिल के ऑपरेशन समय पर कराकर लाभान्वित हो सकें।
संस्थान के निदेशक प्रो. रवि कांत ने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि एम्स ऋषिकेश को उन बीमारियों पर केंद्रित होना चाहिए,जिनकी सुविधा अब तक उत्तराखंड में उपलब्ध नहीं है,जिससे अधिकाधिक मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने मरीजों व उनके परिवारजनों को भरोसा दिलाया कि एम्स में छोटे बच्चों के दिल की जटिल समस्याओं की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं और सीटीवीएस डिपार्टमेंट बहुत मेहनत से इस कार्य को अंजाम देने में लगा है। इस अवसर पर जनजागरुकता अभियान के तहत व्याख्यान भी प्रस्तुत किए गए,जिसमें सहायक आचार्य डा. अनीश गुप्ता ने छोटे बच्चों में दिल की सर्जरी के बाद बरती जाने वाली सावधिधानियों और डा. राजा लाहिरी ने वयस्कावस्था में पता लगने वाली जन्मजात दिल की बीमारियों के निदान संबंधी जानकारियां दी। इस अवसर पर सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डा. नम्रता गौर ने बताया कि मरीज को दिल की सर्जरी से भयभीत नहीं होना चाहिए, सही समय पर अस्पताल आकर उपचार कराना चाहिए। उन्होंने दिल की बीमारियों से ग्रसित बच्चों के अभिभावकों को आगाह किया कि उन्हें इस विषय में अंधविश्वास व लोगों के बहकावे में आकर अपने बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। उन्होंने बताया सही समय पर उपचार कराने से बच्चा एक लंबी व स्वस्थ खुशहाल जिंदगी जी सकता है। इस अवसर पर सीटीवीएस विभाग के नर्सिंग ऑफिसर्स व स्टाफ ने बच्चों को गुव्वारे व गिफ्ट हैंपर आदि देकर उनका स्वागत किया। साथ ही मरीजों के परिजनों ने इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने बीमारी से जुड़े कई प्रकार के सवालात किए और जानकारियां हासिल की। इस मौके पर नवजात शिशु विभागाध्यक्ष डा. श्रीपर्णा बासू, आयुष विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना, क्रिटिकल केयर विभागाध्यक्ष डा. अंकित अग्रवाल, प्राचार्य नर्सिंग कॉलेज प्रो. सुरेश कुमार शर्मा, काॅर्डियोलाॅजी विभाग से डा. वरुण, डा. रोहित, डा. यश श्रीवास्तव, निश्चेतना विभाग से डा. अजय मिश्रा, डा. अजीत, डा. निशीत गोविल, शिशु रोग विभाग के डा. नवनीत भट्ट, सीटीवीएस के डा. अंशुमन दरबारी, डा. संदीप गौतम, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग से डा. आशीष जैन,डा. सुशांत कुमार मीनिया मौजूद थे। उधर, बाल दिवस के अवसर पर एम्स कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से संस्थान परिसर स्थित ब्लूमिंग बड़ क्रच में कार्यक्रम आयोजित किया गया,जिसमें एमएससी नर्सिंग प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने श्रमिकों के बच्चों के साथ बाल दिवस मनाया। जिसमें नर्सिंग के बच्चों ने नन्हें बच्चों के साथ केक काटा। इस दौरान नन्हें मुन्हें बच्चों के लिए खेलकूद व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,जिसमें बच्चों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर कॉलेज की ओर से प्रतियोगिता में अव्वल बच्चों को पुरस्कार भेंट किए गए। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में एमएस डा.ब्रह्मप्रकाश, प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग प्रो. सुरेश कुमार शर्मा, डा.अनुभा अग्रवाल, असिस्टेंड प्रोफेसर मलार कोडी, रूपिंदर देओल, जैवियर वैल्सी आदि मौजूद थे।
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