अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बाल शल्य चिकित्सा विभाग ने एक चार वर्षीय बच्चे की किडनी के कैंसर की रोबोटिक सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने चिकित्सकीय टीम की इस सफलता के लिए सराहना की और उन्हें बधाई दी है। उन्होंने बताया कि संस्थान के बाल शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा बीते करीब एक वर्ष से रोबोटिक सर्जरी की मदद से काफी संख्या में सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया एम्स संस्थान में मरीजों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं, साथ ही साथ स्वास्थ्य सेवाओं का सतत विस्तारीकरण किया जा रहा है,जिससे उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के मरीजों को किसी भी तरह के उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी परिजन चार साल के बच्चे के बाईं किडनी के कैंसर के उपचार के लिए एम्स पहुंचे। विभागीय सह आचार्य डा. रजत पिपलानी ने सभी तरह के परीक्षण के बाद उन्हें बताया कि किडनी के इस कैंसर को विलम्स ट्यूमर के नाम से जाना जाता है,जिसमें सर्जरी करने से पहले कुछ हफ्ते मरीज को कैंसर की दवा दी जाती है। इसके बाद ऑपरेशन से उस गुर्दे को निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश मामलों में यह ऑपरेशन चीरा लगाकर किया जाता है। डा. रजत पिपलानी के अनुसार उन्होंने बच्चे के परिजनों को रोबोटिक सर्जरी द्वारा ऑपरेशन करने के बाबत अवगत कराया, इसके बाद परिजनों की सहमति लेने पर चार वर्षीय बच्चे की सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी की गई। इसके बाद अब बच्चे की दोबारा अगले कुछ महीनों की दवा मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग के डा. अमित सहरावत की देखरेख में चलाई जा रही है।
एम्स ऋषिकेश में बाल शल्य चिकित्सा विभाग ने एक चार वर्षीय बच्चे की किडनी के कैंसर की रोबोटिक सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बाल शल्य चिकित्सा विभाग ने एक चार वर्षीय बच्चे की किडनी के कैंसर की रोबोटिक सर्जरी करने में सफलता प्राप्त की है। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने चिकित्सकीय टीम की इस सफलता के लिए सराहना की और उन्हें बधाई दी है। उन्होंने बताया कि संस्थान के बाल शल्य चिकित्सा विभाग द्वारा बीते करीब एक वर्ष से रोबोटिक सर्जरी की मदद से काफी संख्या में सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया एम्स संस्थान में मरीजों को वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं, साथ ही साथ स्वास्थ्य सेवाओं का सतत विस्तारीकरण किया जा रहा है,जिससे उत्तराखंड व समीपवर्ती राज्यों के मरीजों को किसी भी तरह के उपचार के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी परिजन चार साल के बच्चे के बाईं किडनी के कैंसर के उपचार के लिए एम्स पहुंचे। विभागीय सह आचार्य डा. रजत पिपलानी ने सभी तरह के परीक्षण के बाद उन्हें बताया कि किडनी के इस कैंसर को विलम्स ट्यूमर के नाम से जाना जाता है,जिसमें सर्जरी करने से पहले कुछ हफ्ते मरीज को कैंसर की दवा दी जाती है। इसके बाद ऑपरेशन से उस गुर्दे को निकाला जाता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश मामलों में यह ऑपरेशन चीरा लगाकर किया जाता है। डा. रजत पिपलानी के अनुसार उन्होंने बच्चे के परिजनों को रोबोटिक सर्जरी द्वारा ऑपरेशन करने के बाबत अवगत कराया, इसके बाद परिजनों की सहमति लेने पर चार वर्षीय बच्चे की सफलतापूर्वक रोबोटिक सर्जरी की गई। इसके बाद अब बच्चे की दोबारा अगले कुछ महीनों की दवा मेडिकल ओंकोलॉजी विभाग के डा. अमित सहरावत की देखरेख में चलाई जा रही है।
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