हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी कब मनाई जाए, व्रत कब किया जाए, इसे लेकर पंचांग भेद हैं। कुछ पंचांग में 23 अगस्त को और कुछ में 24 अगस्त को जन्माष्टमी की तिथि बताई गई है। देहरादून उत्तराखंड के ज्योतिषाचार्य देवेन्द्र प्रसाद भट्ट जी के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और 23 अगस्त को ये दोनों योग रहेंगे। जबकि श्रीकृष्ण की जन्म स्थली मथुरा में 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय अलग-अलग दिन मनाएंगे जन्माष्टमी
स्मार्त संप्रदाय के मंदिरों में, साधु-संन्यासी, शैव संप्रदाय शुक्रवार यानी 23 अगस्त को, जबकि वैष्णव संप्रदाय के मंदिरों में शनिवार यानी 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। स्मार्त संप्रदाय यानी जो लोग पंचदेवों की पूजा करते हैं। शैव संप्रदाय वाले शिवजी को प्रमुख मानते हैं।विष्णु के उपासक या विष्णु के अवतारों को मानने वाले वैष्णव कहलाते हैं। जन्माष्टमी को लेकर पंचांग भेद है, क्योंकि 23 अगस्त को उदया तिथि में रोहिणी नक्षत्र नहीं रहेगा, 24 अगस्त को अष्टमी तिथि नहीं है। श्रीकृष्ण का जन्म इन्हीं दोनों योग में हुआ था।
जन्माष्टमी पर क्या करें
आचार्य देवेन्द्र प्रसाद भट्ट जी के अनुसार अपने क्षेत्र के पंचांग और विद्वानों द्वारा बताई गई तारीख पर जन्माष्टमी मना सकते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद में श्रीकृष्ण के मंदिर जाएं और मोर पंख चढ़ाएं। भगवान श्रीकृष्ण को पीले वस्त्र चढ़ाएं। मंत्र कृं कृष्णाय नम: का जाप 108 बार करें। दक्षिणावर्ती शंख से लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। गौमाता की सेवा करें। किसी गौशाला में धन का और हरी घास का दान करें।
23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाने के तर्क
ज्योतिषाचार्य देवेन्द्र प्रसाद भट्ट जी के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के योग में हुआ था। शुक्रवार, 23 अगस्त को अष्टमी तिथि रहेगी और इसी तारीख की रात में 11.56 बजे से रोहिणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा, इस वजह से 23 अगस्त की रात जन्माष्टमी मनाना ज्यादा शुभ रहेगा। भक्तों को 23 अगस्त को ही श्रीकृष्ण के लिए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ करना चाहिए। अष्टमी तिथि 24 अगस्त को सूर्योदय काल में रहेगी, लेकिन दिन में तिथि बदल जाएगी। ये दिन अष्टमी-नवमी तिथि से युक्त रहेगा। इसलिए 24 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना उचित नहीं होगा।
एक टिप्पणी भेजें