एम्स ऋषिकेश का सेवन प्लस अभियान,डेंगू की ऐसे करें पहचान
नगर क्षेत्र से डेंगू के निरमूल के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश का सेवन प्लस अभियान विभिन्न मलीन बस्तियों में जारी है। मुहिम के तहत पिछले तीन दिनों में अब तक विभिन्न इलाकों में करीब पांच सौ घरों में सर्वे किया जा चुका है, साथ ही इस दौरान डेंगू की आशंका वाले 35 मरीज चिह्नित किए गए, उनके खून के नमूने लेकर एम्स संस्थान में परीक्षण किया जाएगा। अभियान के तहत विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने लोगों को डेंगू बुखार को लेकर जागरुक भी किया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में संस्थान की आउटरीच सेल की ओर से नगर क्षेत्र में सेवन प्लस अभियान शुरू किया गया है। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि जनजागरुकता से ही डेंगू की रोकथाम संभव है, लिहाजा संस्थान के स्तर पर ऋषिकेश नगर क्षेत्र की विभिन्न मलीन बस्तियों में सर्वे अभियान शुरू किया गया है, जिससे रोग पर समय रहते नियंत्रण किया जा सके। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि सात दिवसीय मुहिम के तहत आउटरीच सेल की अगुवाई में मेडिकल, नर्सिंग टीम, मेडिकल सोशल वर्कर, स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टास्क फोर्स तैयार कर बीते सोमवार से अब तक सर्वहारानगर,शांतिनगर, वनखंडी आदि इलाकों में लगभग 500 घरों में लोगों को डेंगू को लेकर जागरुक कर चुकी है, इस दौरान बुखार के 35 मरीज चिह्नित किए गए,जिनका ब्लड सैंपल लेकर एम्स में परीक्षण किया
जाएगा।
एम्स के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा किशोर ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, प्रशासन के साथ ही आम नागरिकों को भी आगे आना होगा,तभी नगर क्षेत्र में डेंगू की रोकथाम की जा सकती है। संस्थान के आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डा. संतोष कुमार ने बताया कि सेवन प्लस अभियान के तहत बृहस्पतिवार को मायाकुंड क्षेत्र और इसके बाद चंद्रेश्वरनगर चंद्रभागा आदि इलाकों में जनजागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद द्वितीय चरण में अन्य मलीन बस्तियों को भी सेवन प्लस अभियान में शामिल कर संर्वेक्षण किया जाएगा। अभियान में एम्स नर्सिंग कॉलेज के डा. राजेश कुमार, डा. योगेश बी. स्वास्थ्य विभाग में आशा सुपरवाइजर एसएस यादव आदि शामिल हैं।
डेंगू के लक्षण- -अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुहं, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि
यह सावधानियां बरतें-
-डेंगू फैलाने वाला मच्छर खड़े हुए साफ पानी में पनपता है, कहीं आपके घर व आसपास पानी तो जमा नहीं है, जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल,टूटे -कूलर को खाली करके सुखा दें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है, बुखार उतारने के लिए पैरासीटामोल ले सकते हैं। एस्प्रीन या इबुब्रेफेन का इस्तेमाल अपने आप नहीं करें, कुशल चिकित्सक की सलाह लें। डेंगू से ग्रस्त प्रत्येक रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती।
नगर क्षेत्र से डेंगू के निरमूल के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश का सेवन प्लस अभियान विभिन्न मलीन बस्तियों में जारी है। मुहिम के तहत पिछले तीन दिनों में अब तक विभिन्न इलाकों में करीब पांच सौ घरों में सर्वे किया जा चुका है, साथ ही इस दौरान डेंगू की आशंका वाले 35 मरीज चिह्नित किए गए, उनके खून के नमूने लेकर एम्स संस्थान में परीक्षण किया जाएगा। अभियान के तहत विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम ने लोगों को डेंगू बुखार को लेकर जागरुक भी किया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में संस्थान की आउटरीच सेल की ओर से नगर क्षेत्र में सेवन प्लस अभियान शुरू किया गया है। निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि जनजागरुकता से ही डेंगू की रोकथाम संभव है, लिहाजा संस्थान के स्तर पर ऋषिकेश नगर क्षेत्र की विभिन्न मलीन बस्तियों में सर्वे अभियान शुरू किया गया है, जिससे रोग पर समय रहते नियंत्रण किया जा सके। निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि सात दिवसीय मुहिम के तहत आउटरीच सेल की अगुवाई में मेडिकल, नर्सिंग टीम, मेडिकल सोशल वर्कर, स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन की संयुक्त टास्क फोर्स तैयार कर बीते सोमवार से अब तक सर्वहारानगर,शांतिनगर, वनखंडी आदि इलाकों में लगभग 500 घरों में लोगों को डेंगू को लेकर जागरुक कर चुकी है, इस दौरान बुखार के 35 मरीज चिह्नित किए गए,जिनका ब्लड सैंपल लेकर एम्स में परीक्षण किया
जाएगा।
एम्स के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेखा किशोर ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, प्रशासन के साथ ही आम नागरिकों को भी आगे आना होगा,तभी नगर क्षेत्र में डेंगू की रोकथाम की जा सकती है। संस्थान के आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डा. संतोष कुमार ने बताया कि सेवन प्लस अभियान के तहत बृहस्पतिवार को मायाकुंड क्षेत्र और इसके बाद चंद्रेश्वरनगर चंद्रभागा आदि इलाकों में जनजागरुकता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद द्वितीय चरण में अन्य मलीन बस्तियों को भी सेवन प्लस अभियान में शामिल कर संर्वेक्षण किया जाएगा। अभियान में एम्स नर्सिंग कॉलेज के डा. राजेश कुमार, डा. योगेश बी. स्वास्थ्य विभाग में आशा सुपरवाइजर एसएस यादव आदि शामिल हैं।
डेंगू के लक्षण- -अकस्मात तेज सिर दर्द व बुखार का होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुहं, मसूड़ों से खून आना अथवा त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि
यह सावधानियां बरतें-
-डेंगू फैलाने वाला मच्छर खड़े हुए साफ पानी में पनपता है, कहीं आपके घर व आसपास पानी तो जमा नहीं है, जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल,टूटे -कूलर को खाली करके सुखा दें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है, बुखार उतारने के लिए पैरासीटामोल ले सकते हैं। एस्प्रीन या इबुब्रेफेन का इस्तेमाल अपने आप नहीं करें, कुशल चिकित्सक की सलाह लें। डेंगू से ग्रस्त प्रत्येक रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती।
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