ऋषिकेश :
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से टीएचडीसी की पहल पर कारपोरेशन के कर्मचारियों के लिए फुट क्लिनिक का आयोजन किया गया। जिसमें डाइबिटिक फुट की समस्या, पैर में दर्द आदि से जुड़े करीब 42 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार किया गया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन में संस्थान की ओर से फुट क्लिनिक का आयोजन किया गया, जिसमें डाइबिटिक फुट, पैरों में सुन्न होना आदि रोगों से ग्रसित मरीज अधिक आए। क्लिनिक में संस्थान की ओर से ऐसे मरीजों को पैरों में प्रेशर कम करने वाला विशेष तरह का इन्सोल व आर्थोटिस्ट उपलब्ध कराए गए। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में पैरों की कमजोरी सुन्नपना की समस्या से ग्रस्त रोगियों को विशेष तरह की मशीन से संपूर्ण जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि यदि किसी वजह से किसी व्यक्ति का पैर काटना पड़ जाए तो ऐसे मरीजों को निजी चिकित्सालयों के सापेक्ष एम्स संस्थान में न्यूनतम शुल्क में कृत्रिम अंग लगाने की सुविधा दी जा रही है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स में इस तरह के रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेब्लिटेशन डिपार्टमेंट पीएमआर विभाग में जल्द ही एडवांस आर्थोटिस्ट प्रोस्थेसिस निर्मित करने के लिए एडवांस थ्रीडी प्रिटिंग मशीन उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उनके लिए उच्च गुणवत्ता के कृत्रिम अंगों का निर्माण किया जा सके। फुट क्लिनिक में संस्थान की ओर से पीएमआर विभागाध्यक्ष डा. राजकुमार यादव, डा. राजलक्ष्मी हरिहरन, थैरेपिस्ट मयंक रतूड़ृी, आर्थोटिक्स रूपेश झा, टीएचडीसी की ओर से सीएमएस डा. विभा चौधरी, मधुर आदि मौजूद थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से टीएचडीसी की पहल पर कारपोरेशन के कर्मचारियों के लिए फुट क्लिनिक का आयोजन किया गया। जिसमें डाइबिटिक फुट की समस्या, पैर में दर्द आदि से जुड़े करीब 42 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार किया गया। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन में संस्थान की ओर से फुट क्लिनिक का आयोजन किया गया, जिसमें डाइबिटिक फुट, पैरों में सुन्न होना आदि रोगों से ग्रसित मरीज अधिक आए। क्लिनिक में संस्थान की ओर से ऐसे मरीजों को पैरों में प्रेशर कम करने वाला विशेष तरह का इन्सोल व आर्थोटिस्ट उपलब्ध कराए गए। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि संस्थान में पैरों की कमजोरी सुन्नपना की समस्या से ग्रस्त रोगियों को विशेष तरह की मशीन से संपूर्ण जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि यदि किसी वजह से किसी व्यक्ति का पैर काटना पड़ जाए तो ऐसे मरीजों को निजी चिकित्सालयों के सापेक्ष एम्स संस्थान में न्यूनतम शुल्क में कृत्रिम अंग लगाने की सुविधा दी जा रही है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स में इस तरह के रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेब्लिटेशन डिपार्टमेंट पीएमआर विभाग में जल्द ही एडवांस आर्थोटिस्ट प्रोस्थेसिस निर्मित करने के लिए एडवांस थ्रीडी प्रिटिंग मशीन उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उनके लिए उच्च गुणवत्ता के कृत्रिम अंगों का निर्माण किया जा सके। फुट क्लिनिक में संस्थान की ओर से पीएमआर विभागाध्यक्ष डा. राजकुमार यादव, डा. राजलक्ष्मी हरिहरन, थैरेपिस्ट मयंक रतूड़ृी, आर्थोटिक्स रूपेश झा, टीएचडीसी की ओर से सीएमएस डा. विभा चौधरी, मधुर आदि मौजूद थे।
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