ऋषिकेश
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय प्रथम नेशनल मूवमेंट डिस्ऑर्डर्स काॅन्क्लेव, उत्तराखंड रविवार को विधिवत संपन्न हो गया। जिसमें देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट व शोधकर्ताओं ने शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली कम्पन की बीमारी के कारण व निवारण पर चर्चा की। व्याख्यानों के जरिए विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ कम्पन की बीमारियां आम हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से अधिकांश कम्पन की बीमारियों का उपचार संभव है, जिसके लिए रोगी को सही समय पर कम्पन रोग विशेषज्ञता रखने वाले न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श व उपचार लेना चाहिए। साथ ही इन रोगों का उपचार आधुनिकतम न्यूरो सर्जिकल प्रणाली जिसमें डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (ब्रेन का पेसमेकर) से भी संभव है। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को जल्द कम्पन रोगों का आधुनिकतम व सर्जिकल उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि कम्पन रोग (अकड़ेपन से जुड़ी विशेष व महंगी दवा बोटलाइनम टौक्सीन जो विभिन्न रोगों में कारगर है, संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग में मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराई गई है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि सम्मेलन के तहत आयोजित बोटलाइनम टौक्सीन वर्कशॉप में संस्थान द्वारा 16 मरीजों को डिस्टोनिया नामक बीमारी में उपयोगी बोटलाइनम टौक्सीन निशुल्क लगाए गए। इस अवसर पर निदेशक एम्स ने राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए न्यूरो चिकित्सकों व कम्पन रोग विशेषज्ञों की सराहना की और उम्मीद जताई कि सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा किए गए मंथन से आने वाले समय में मरीज लाभान्वित होंगे। संस्थान के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार ने बताया कि निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत के प्रयासों से संस्थान में प्रत्येक सप्ताह संचालित मूवमेंट डिस्आर्डर क्लिनिक में आने वाले मरीजों को अकड़ेपन में इस्तेमाल होने वाली बोटलाइनम टौक्सीन निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। सम्मेलन में अकड़ेपन के विभिन्न लक्षणों व उसके उपचार पर नई दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डा. सुमित सिंह, जीबी पंत अस्पताल दिल्ली के प्रो. संजय पांडेय व निजाम्स इंस्टीट्यूट हैदराबाद के डा. रूपम बरगोहाई ने व्याख्यान दिया। एम्स दिल्ली के प्रो. अचल कुमार श्रीवास्तव ने शरीर में बैलेंस की बीमारी से चाल, आवाज व शारीरिक हरकतों में असंतुलन पर विचार रखे।
केरल के डा. सुजीत ओभालत ने निहायत कम पाई जाने वाली कम्पन की बीमारी पर व्याख्यान दिया। जबकि इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूूरो साइंसेस की डा. मोना तिवारी ने कम्पन की बीमारियों में एमआरआई ब्रेन में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की कम्पन बीमारियों के संकेतों के बारे में जानकारी दी। जसलोक अस्पताल मुंबई के डा. पेटारस्प वाडियर ने विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के रूप में पाए जाने वाले कम्पन रोगों पर चर्चा की। बैंगलौर के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डा. प्रशांत एलके. ने अमूमन पाए जाने वाले कम्पन रोगों में कम पाए जाने वाले लक्षणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। निजाम्स इंस्टीट्यूट की डा. रुकमणि मृदुला ने शरीर में अचानक उत्पन्न होने वाले कम्पन रोगों व केइएम मुंबई के डा. पंकज अग्रवाल ने मानसिक कारणों से उत्पन्न होने वाली कम्पन की बीमारियों पर व्याख्यान दिया। गुडगावां के आरटेमिस अस्पताल के डा. आदित्य गुप्ता ने कम्पन की बीमारियों में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की न्यूरो सर्जरी के बारे में बताया। न्यूरोलॉजी विभाग की असिस्टेंड प्रोफेसर डा. ऋतुश्री ने सम्मेलन में आए चिकित्सकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार, न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. रजनीश अरोड़ा, डा. निशांत गोयल, डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, मेडिसिन विभाग के डा. वैंकटेश पाई, पीडियाट्रिक विभाग के डा. मनीष कुमार, लीवरपूल यूके से डा.पार्था रे आदि मौजूद थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित दो दिवसीय प्रथम नेशनल मूवमेंट डिस्ऑर्डर्स काॅन्क्लेव, उत्तराखंड रविवार को विधिवत संपन्न हो गया। जिसमें देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट व शोधकर्ताओं ने शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली कम्पन की बीमारी के कारण व निवारण पर चर्चा की। व्याख्यानों के जरिए विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ती उम्र के साथ कम्पन की बीमारियां आम हो गई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से अधिकांश कम्पन की बीमारियों का उपचार संभव है, जिसके लिए रोगी को सही समय पर कम्पन रोग विशेषज्ञता रखने वाले न्यूरोलॉजिस्ट से परामर्श व उपचार लेना चाहिए। साथ ही इन रोगों का उपचार आधुनिकतम न्यूरो सर्जिकल प्रणाली जिसमें डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (ब्रेन का पेसमेकर) से भी संभव है। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान में मरीजों को जल्द कम्पन रोगों का आधुनिकतम व सर्जिकल उपचार भी उपलब्ध कराया जाएगा। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि कम्पन रोग (अकड़ेपन से जुड़ी विशेष व महंगी दवा बोटलाइनम टौक्सीन जो विभिन्न रोगों में कारगर है, संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग में मरीजों को निशुल्क उपलब्ध कराई गई है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि सम्मेलन के तहत आयोजित बोटलाइनम टौक्सीन वर्कशॉप में संस्थान द्वारा 16 मरीजों को डिस्टोनिया नामक बीमारी में उपयोगी बोटलाइनम टौक्सीन निशुल्क लगाए गए। इस अवसर पर निदेशक एम्स ने राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे देशभर के विभिन्न मेडिकल संस्थानों से आए न्यूरो चिकित्सकों व कम्पन रोग विशेषज्ञों की सराहना की और उम्मीद जताई कि सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा किए गए मंथन से आने वाले समय में मरीज लाभान्वित होंगे। संस्थान के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार ने बताया कि निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत के प्रयासों से संस्थान में प्रत्येक सप्ताह संचालित मूवमेंट डिस्आर्डर क्लिनिक में आने वाले मरीजों को अकड़ेपन में इस्तेमाल होने वाली बोटलाइनम टौक्सीन निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। सम्मेलन में अकड़ेपन के विभिन्न लक्षणों व उसके उपचार पर नई दिल्ली के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डा. सुमित सिंह, जीबी पंत अस्पताल दिल्ली के प्रो. संजय पांडेय व निजाम्स इंस्टीट्यूट हैदराबाद के डा. रूपम बरगोहाई ने व्याख्यान दिया। एम्स दिल्ली के प्रो. अचल कुमार श्रीवास्तव ने शरीर में बैलेंस की बीमारी से चाल, आवाज व शारीरिक हरकतों में असंतुलन पर विचार रखे।
केरल के डा. सुजीत ओभालत ने निहायत कम पाई जाने वाली कम्पन की बीमारी पर व्याख्यान दिया। जबकि इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूूरो साइंसेस की डा. मोना तिवारी ने कम्पन की बीमारियों में एमआरआई ब्रेन में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की कम्पन बीमारियों के संकेतों के बारे में जानकारी दी। जसलोक अस्पताल मुंबई के डा. पेटारस्प वाडियर ने विभिन्न प्रकार की दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के रूप में पाए जाने वाले कम्पन रोगों पर चर्चा की। बैंगलौर के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डा. प्रशांत एलके. ने अमूमन पाए जाने वाले कम्पन रोगों में कम पाए जाने वाले लक्षणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। निजाम्स इंस्टीट्यूट की डा. रुकमणि मृदुला ने शरीर में अचानक उत्पन्न होने वाले कम्पन रोगों व केइएम मुंबई के डा. पंकज अग्रवाल ने मानसिक कारणों से उत्पन्न होने वाली कम्पन की बीमारियों पर व्याख्यान दिया। गुडगावां के आरटेमिस अस्पताल के डा. आदित्य गुप्ता ने कम्पन की बीमारियों में उपयोग होने वाली विभिन्न प्रकार की न्यूरो सर्जरी के बारे में बताया। न्यूरोलॉजी विभाग की असिस्टेंड प्रोफेसर डा. ऋतुश्री ने सम्मेलन में आए चिकित्सकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर एम्स के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. नीरज कुमार, न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. रजनीश अरोड़ा, डा. निशांत गोयल, डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, मेडिसिन विभाग के डा. वैंकटेश पाई, पीडियाट्रिक विभाग के डा. मनीष कुमार, लीवरपूल यूके से डा.पार्था रे आदि मौजूद थे।
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