कपकोट के दूरस्थ गांव कुंवारी की इंदिरा दानू ने कड़ी मेहनत के दम पर उत्तर प्रदेश में न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल किया है। इंदिरा दानू बागेश्वर की पहली महिला जज बनीं हैं।
कुंवारी के प्रधान किशन सिंह दानू व पूर्व जिला पंचायत सदस्या शांति दानू की छोटी पुत्री इंदिरा ने मां उमा बाल शिक्षा स्वास्थ्य मंदिर कपकोट से प्राथमिक शिक्षा तथा इंटर कालेज कपकोट से हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा ग्रहण की। इंदिरा को शिक्षा ग्रहण करने के लिए लगभग 15 किमी पैदल सफर तय करना पड़ता था। इंटर के उपरांत इंदिरा ने पीजी कालेज बागेश्वर से बीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की।
वर्ष 2005 में उन्हें बागेश्वर महाविद्यालय में छात्र संघ उपाध्यक्ष भी चुना गया। इंदिरा ने बागेश्वर महाविद्याय में छात्र संघ अध्यक्ष का भी चुनाव लड़ा। उनकी सांगठनिक योग्यता को देखते हुए एनएसयूआइ ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा। एसएसजे कैंपस अल्मोड़ा से एलएलबी व एलएलएम परीक्षा गोल्ड मैडल के साथ उत्तीर्ण करने वाली इंदिरा ने उत्तराखंड पीसीएसजे में भी दो बार साक्षात्कार तक का सफर तय किया। न्यायाधीश बनने के लिए कड़ी मेहनत करने वाली इंदिरा अभी विधि विषय में शोध कर रही हैं।
निर्भया प्रकोष्ठ में वरिष्ठ अधिवक्ता के पद पर कार्य के दौरान कई पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के नाम पर हमेशा सुर्खियों में रही हैं। साथ ही कई सम्मान भी हासिल किए। दुराचार व घरेलू हिंसा पीड़ित कई महिलाओं व बालिकाओं को न्याय दिलाया। शनिवार को जारी यूपी पीसीएसजे परिणाम में इंदिरा ने यूपी में न्यायाधीश बनने का गौरव हासिल किया है।
कुल 610 पदों में से इंदिरा ने 147वीं रेंक हासिल की है। इधर इंदिरा के जज बनने पर बागेश्वर सहित उनके पैतृक गांव कुंवारी व मल्ला दानपुर में भी खुशी की लहर है। इंदिरा ने इस सफलता का श्रेय माता-पिता सहित अपने ईष्ट देवता व गुरुजनों को दिया है।
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