रूद्रप्रयाग :
भूपेंद्र भंडारी
रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में कहने को भले ही 22 डाॅक्टरों के सापेक्ष भले ही 21 डाॅक्टर तैनात हो लेकिन बावजूद यहां गरीबों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। कुण्डा दानकोट के एक गरीब बुर्जुग व्यक्ति ने जिला अस्पताल पर गम्भीर आरोप लगाते हैं।
इस रिपोर्ट के जरिए समझिए-
दरअसल रूद्रप्रयाग कुण्डा दानकोट चोपता निवासी 70 वर्षीय भूराज सिंह अपनी आँखों के इलाज के लिए 3 माह पूर्व रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय पहुँचे थे, यहाँ नेत्र चिकित्सकों द्वारा उन्हें बताया गया कि उनकी एक आँख में मोतियांबिद पड़ा है, आॅपरेशन करना पड़ेगा। बुर्जुग की इस पर सहमति हुई तो एक सप्ताह के भीतर बुर्जुग का आॅपरेशन कर दिया गया।
काफी दिनों तक काले चश्मे और आँखों पर लगे होने के बावजूद भी आँखों की स्थिति में कोई सुधार न होने के बाद जब दोबारा जिला चिकित्सालय इलाज के लिए गए तो बुर्जुग को केवल आज-कल में ठीक होने के आश्वासन मिलते रहे।महीनो बीत जाने के बाद जब नहीं हुआ तो जिला चिकित्सालय द्वारा भूराज सिंह को ऋषिकेश देवभूमि अस्पताल में भेजा गया। यहां भी पीड़ित से अस्पताल द्वारा जमकर पैंसे वसूले गए लेकिन इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं हो पाया।
देवभूमि अस्पताल द्वारा भी दवाइयां और कुछ दिनों में ठीक होने का आश्वासन दिया गया लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी बुर्जुग की आँखों में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद फिर रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय की सलाह पर बुर्जुग को श्रीकोट स्थिति नारायण नेत्रालय में भेजा गया। यहां भी बुर्जुग गरीब व्यक्ति को जमकर लूटा गया लेकिन पक्का इलाज नहीं हो सका।
सरकारी सिस्टम की लापरवाही और गरीबों के प्रति घोर असंवेदनशीलता के इस नमून से थकहार चुके भूराज सिंह ने अतंतः जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के जनता दरबार में न्याय की गुहार लगाई लेकिन वहां भी न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। बुर्जुग का आरोप है कि आॅपरेशन निःशुल्क होने के कारण डाॅक्टरों द्वारा ठीक से आॅपरेशन नहीं किया गया जिस कारण आॅपरेशन सफल नहीं रहा। जबकि रिश्वत लेने के एवज में बुर्जुग से लगातार चक्कर लगवाये जा रहे हैं।
हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी एस के झा ने कहा कि बुर्जुग के इलाज में हुई लापरवाही के लिए एक जांच कमेठी गठीत कर दी है जो जांच कर जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगी। उसी के आधार पर कार्यावाही की जायेगी।
सरकारी अस्पतालों डाॅक्टरों का रवैया मरीजों के प्रति हमेशा से गैरजिम्मेदाराना रहा है, और ऊंपर से मरीज गरीब और बुर्जुग हो तो सिस्टम और भी घावों पर नमक लगाने का कार्य करता है। बेशक रूद्रप्रयाग में के विधायक भरत सिंह चैधरी और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल मंचों पर रूद्रप्रयाग में पर्याप्त डाॅक्टर होने का ढ़िढौंरा पीटकर वाह-वाही लूटते हो ,लेकिन जरा देखिए तुम्हारे सिस्टम के आगे ये गरीब असहाय लोग बेबस और त्रस्त नजर आ रहे हैं। तुम्हारे सिस्टम की लापरवाही इन्हें खून के आंसू रूला रही है।
भूपेंद्र भंडारी
रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में कहने को भले ही 22 डाॅक्टरों के सापेक्ष भले ही 21 डाॅक्टर तैनात हो लेकिन बावजूद यहां गरीबों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है। कुण्डा दानकोट के एक गरीब बुर्जुग व्यक्ति ने जिला अस्पताल पर गम्भीर आरोप लगाते हैं।
इस रिपोर्ट के जरिए समझिए-
दरअसल रूद्रप्रयाग कुण्डा दानकोट चोपता निवासी 70 वर्षीय भूराज सिंह अपनी आँखों के इलाज के लिए 3 माह पूर्व रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय पहुँचे थे, यहाँ नेत्र चिकित्सकों द्वारा उन्हें बताया गया कि उनकी एक आँख में मोतियांबिद पड़ा है, आॅपरेशन करना पड़ेगा। बुर्जुग की इस पर सहमति हुई तो एक सप्ताह के भीतर बुर्जुग का आॅपरेशन कर दिया गया।
काफी दिनों तक काले चश्मे और आँखों पर लगे होने के बावजूद भी आँखों की स्थिति में कोई सुधार न होने के बाद जब दोबारा जिला चिकित्सालय इलाज के लिए गए तो बुर्जुग को केवल आज-कल में ठीक होने के आश्वासन मिलते रहे।महीनो बीत जाने के बाद जब नहीं हुआ तो जिला चिकित्सालय द्वारा भूराज सिंह को ऋषिकेश देवभूमि अस्पताल में भेजा गया। यहां भी पीड़ित से अस्पताल द्वारा जमकर पैंसे वसूले गए लेकिन इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं हो पाया।
देवभूमि अस्पताल द्वारा भी दवाइयां और कुछ दिनों में ठीक होने का आश्वासन दिया गया लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी बुर्जुग की आँखों में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद फिर रूद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय की सलाह पर बुर्जुग को श्रीकोट स्थिति नारायण नेत्रालय में भेजा गया। यहां भी बुर्जुग गरीब व्यक्ति को जमकर लूटा गया लेकिन पक्का इलाज नहीं हो सका।
सरकारी सिस्टम की लापरवाही और गरीबों के प्रति घोर असंवेदनशीलता के इस नमून से थकहार चुके भूराज सिंह ने अतंतः जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के जनता दरबार में न्याय की गुहार लगाई लेकिन वहां भी न्याय मिलता नहीं दिख रहा है। बुर्जुग का आरोप है कि आॅपरेशन निःशुल्क होने के कारण डाॅक्टरों द्वारा ठीक से आॅपरेशन नहीं किया गया जिस कारण आॅपरेशन सफल नहीं रहा। जबकि रिश्वत लेने के एवज में बुर्जुग से लगातार चक्कर लगवाये जा रहे हैं।
हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी एस के झा ने कहा कि बुर्जुग के इलाज में हुई लापरवाही के लिए एक जांच कमेठी गठीत कर दी है जो जांच कर जल्द ही रिपोर्ट पेश करेगी। उसी के आधार पर कार्यावाही की जायेगी।
सरकारी अस्पतालों डाॅक्टरों का रवैया मरीजों के प्रति हमेशा से गैरजिम्मेदाराना रहा है, और ऊंपर से मरीज गरीब और बुर्जुग हो तो सिस्टम और भी घावों पर नमक लगाने का कार्य करता है। बेशक रूद्रप्रयाग में के विधायक भरत सिंह चैधरी और जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल मंचों पर रूद्रप्रयाग में पर्याप्त डाॅक्टर होने का ढ़िढौंरा पीटकर वाह-वाही लूटते हो ,लेकिन जरा देखिए तुम्हारे सिस्टम के आगे ये गरीब असहाय लोग बेबस और त्रस्त नजर आ रहे हैं। तुम्हारे सिस्टम की लापरवाही इन्हें खून के आंसू रूला रही है।
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