नई दिल्ली ;
उत्तराखंड राज्य में पलायन हीं राज्य के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक साबित हो रहा है ।पहाड़ के पहाड़ में बसे समस्त गांव खेत खलिहान सब खाली हो चले हैं । सुविधाओं के अभाव में सरकारी सेवाएं दम तोड़ रही हैं। मूलभूत सुविधा जैसे शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार ना होने की स्थिति में गांव के पढ़े-लिखे लोग भी मैदानों का रुख कर रहे हैं। नतीजतन पहाड़ों में पोषित संस्कार जब प्रकृति जड़ी बूटियां प्राचीन धरोहर कृषि परंपरा सभी समाप्ति की ओर है । यदा-कदा इनको संजीव ने के लिए उत्तराखंड सरकार भी कोई ना कोई योजना लेकर आती रहती है परंतु मूलभूत कारण शिक्षा ही है। जहां आज उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर है वही डोईवाला दूधली के समाजसेवी अजय कुमार ने मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक को पलायन रोकने के विषय में शिक्षा से संबंधित एक सुझाव दिया है । उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड के सभी सरकारी सरकारी स्कूल सीबीएसई से सम्बद्ध करके पलायन रोक जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने कल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी को उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन हेतु पत्र सौंपा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, पर्वतीय जिलों के सैंकड़ों गाँव भुतहा हो चुके हैं जिसका एक बड़ा कारण शिक्षा भी है जिसके कारण यहाँ के नागरिक महानगरों में पलायन कर रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में निम्न स्तर का शिक्षा व प्रतिस्पर्धा का माहौल न होने के कारण अभिभावको का सरकारी स्कूलों से मोह भंग हो रहा है, अपने बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं।
जिसका एक कारण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा भी है।
अजय कुमार ने बताया कि उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से सम्बन्ध कर दिया जाए जिससे बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा हांसिल कर पाएं,ऐसा करने से सरकारी व निजी विद्यालयों में कोई भी अंतर नही रह जायेगा व गरीब अमीर का बच्चा एक समान शिक्षा पा सकेगा।
ऐसा करने से सरकारी स्कूल का बच्चा इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसा करियर चुन पायेगा क्योंकि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है जिस कारण हिन्दी माध्यम के बच्चों को समस्या का सामना करना होता है,ऐसा करने से सरकारी स्कूल का छात्र अपने व अपने परिवार के साथ देश के निर्माण में भी अपना योगदान दे सकेगा व समाज की मुख्यधारा मैं शामिल हो सकेगा।
अजय कुमार का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड के लिए यह ऐतिहासिक फैंसला होगा व उत्तराखंड से पलायन रोका जा सकेगा।
उत्तराखंड राज्य में पलायन हीं राज्य के लिए सबसे अधिक नुकसानदायक साबित हो रहा है ।पहाड़ के पहाड़ में बसे समस्त गांव खेत खलिहान सब खाली हो चले हैं । सुविधाओं के अभाव में सरकारी सेवाएं दम तोड़ रही हैं। मूलभूत सुविधा जैसे शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार ना होने की स्थिति में गांव के पढ़े-लिखे लोग भी मैदानों का रुख कर रहे हैं। नतीजतन पहाड़ों में पोषित संस्कार जब प्रकृति जड़ी बूटियां प्राचीन धरोहर कृषि परंपरा सभी समाप्ति की ओर है । यदा-कदा इनको संजीव ने के लिए उत्तराखंड सरकार भी कोई ना कोई योजना लेकर आती रहती है परंतु मूलभूत कारण शिक्षा ही है। जहां आज उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूल बंद होने के कगार पर है वही डोईवाला दूधली के समाजसेवी अजय कुमार ने मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक को पलायन रोकने के विषय में शिक्षा से संबंधित एक सुझाव दिया है । उन्होंने मांग की है कि उत्तराखंड के सभी सरकारी सरकारी स्कूल सीबीएसई से सम्बद्ध करके पलायन रोक जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने कल केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक जी को उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन हेतु पत्र सौंपा।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं, पर्वतीय जिलों के सैंकड़ों गाँव भुतहा हो चुके हैं जिसका एक बड़ा कारण शिक्षा भी है जिसके कारण यहाँ के नागरिक महानगरों में पलायन कर रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में निम्न स्तर का शिक्षा व प्रतिस्पर्धा का माहौल न होने के कारण अभिभावको का सरकारी स्कूलों से मोह भंग हो रहा है, अपने बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिला रहे हैं।
जिसका एक कारण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा भी है।
अजय कुमार ने बताया कि उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से सम्बन्ध कर दिया जाए जिससे बच्चे उच्च स्तर की शिक्षा हांसिल कर पाएं,ऐसा करने से सरकारी व निजी विद्यालयों में कोई भी अंतर नही रह जायेगा व गरीब अमीर का बच्चा एक समान शिक्षा पा सकेगा।
ऐसा करने से सरकारी स्कूल का बच्चा इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसा करियर चुन पायेगा क्योंकि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है जिस कारण हिन्दी माध्यम के बच्चों को समस्या का सामना करना होता है,ऐसा करने से सरकारी स्कूल का छात्र अपने व अपने परिवार के साथ देश के निर्माण में भी अपना योगदान दे सकेगा व समाज की मुख्यधारा मैं शामिल हो सकेगा।
अजय कुमार का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो उत्तराखंड के लिए यह ऐतिहासिक फैंसला होगा व उत्तराखंड से पलायन रोका जा सकेगा।
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