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कोबरा गैंग से थी ,दून की जनता भयभीत


कोतवाली ऋषिकेश, थाना रायपुर व थाना बसंत विहार क्षेत्रों में तमंचे का भय दिखाकर चैन स्नैचिंग एवं थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में पर्स लूट करने वाले दिल्ली के प्रसिद्ध कोबरा गैंग के दो (2) शातिर लुटेरे, बिना नंबर की स्प्लेंडर मोटरसाइकिल व जूपिटर स्कूटी में गिरफ्तार व एक अभियुक्त फरार, अभियुक्तों के कब्जे से सोने की 6 चैन (अनुमानित कीमत लगभग ₹3,25,000/- ), 01 लेडीस पर्स व 02 तमचें मय 02 कारतूस  बरामद

बसंत विहार, ऋषिकेश एवम रायपुर थाना छेत्र के घटनास्थलो से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में दिखाई देने वाले अभियुक्तों के विषय में जानकारी प्राप्त करने हेतु आस पास के जनपदों व बाहरी राज्यों की पुलिस से संपर्क स्थापित करते हुए मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।

 आज चोरी क सामान को बेचने हेतु कलियर क्षेत्र (निकट रुड़की) में आ रहे ह रुड़की की ओर से कलियर आने वाले रास्ते पर बिना नंबर के वाहनों को चेक करने पर एक बिना नंबर की मोटर साइकिल व जूपिटर स्कूटी को चेक करने हेतु रोकने का प्रयास किया गया तो बदमाश वाहन चालक गाड़ी मोड़ कर भागने लगे एवं हड़बड़ाहट में वहीं गिर गए। जिस पर पुलिस टीम द्वारा तत्काल दो अभियुक्तों को मौके पर पकड़ लिया गया एवं एक अभियुक्त मौके से फरार हो गया।

पकड़े गए अभियुक्त का नाम पता

1- लिंटोन उर्फ हंसमुख पुत्र मोहम्मद शमीम निवासी ग्राम मकुवा, पोस्ट मोईरापुर, थाना मुरारोई, जिला बीरभम पश्चिम बंगाल हाल निवासी- *शमशाद का किराएदार, नेहरूल बस्ती, मिंटो रोड, थाना आई.पी एस्टेट नई दिल्ली* उम्र- 22 वर्ष  शिक्षा- कक्षा 4(पास)

2- मो० अनवर उर्फ बिहारी पुत्र मोहम्मद कलीम निवासी महाराणा प्रताप चौक, जिला सहरसा, बिहार हाल निवासी-  किराएदार ,समसुदीन निवासी गली नंबर जीरो, अली मस्जिद के बराबर में, वजीराबाद, थाना तिमारपुर, नई दिल्ली उम्र- 24 वर्ष

फरार अभियुक्त का नाम पता
1- मोहम्मद अरशद पुत्र जाकिर अहमद निवासी- मकान नंबर 69, गली नंबर- 2 वजीराबाद, दिल्ली

बरामदगी विवरण

1- 6 (छ:) सोने की चैन।अनुमानित कीमत- ₹3,25,000/-(तीन लाख पच्चीस हजार रुपये)*
2- दो तमंचे देशी(315 बोर एवं 12 बोर)
3- 2 कारतूस
4- स्प्लेंडर काला रंग बिना नंबर ( ऋषिकेश की घटना में प्रयुक्त)
5- जूपिटर स्कूटी बिना नंबर ग्रे रंग ( देहरादून की घटना में प्रयुक्त)
6- थाना नेहरू कॉलोनी से छीना गया पर्स

अभियुक्त लिंटोन उर्फ हंसमुख क अपराधिक इतिहास
1- जो वर्ष 2012 में थाना आई0पी0 स्टेट दिल्ली से चोरी में जेल गया है।
2- वर्ष 2016 में थाना दरियागंज नई दिल्ली से 10,00,000/- (दस लाख रुपये) रुपए की लूट में जेल गया है।
3- वर्ष 2017 मे दिल्ली रेलवे स्टेशन से ₹5,00,000 (पाँच लाख रुपये) की लूट में जेल गया है।
 वर्तमान समय में उक्त अभियुक्त जमानत पर चल रहा है। इसके विषय में अन्य राज्यो से भी अपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
अभियुक्त अनवर उर्फ बिहारी क अपराधिक इतिहास-

1- वर्ष 2016 में जयपुर (राजस्थान) से चांदी के व्यापारी से रुपये 20,00,000/-(बीस लाख रुपए) लूट की घटना में जेल गया हुआ है। इसके विषय में अन्य राज्यो से भी अपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
उपरोक्त अभियुक्तों के गिरफ्तार होने पर कोतवाली ऋषिकेश के दो (2), थाना बसंत विहार के दो (2), तथा थाना रायपुर के दो (2), थाना नेहरू कॉलोनी के (1) मुकदमों का सफल अनावरण हुआ है।

अपराध करने का तरीका -

 पूछताछ में दोनों अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि कहीं भी घटना करने से पूर्व हम अपनी गाड़ियों की नंबर प्लेट निकाल देते हैं। यदि कहीं चेकिंग चल रही हो तो हम अपने गाड़ियों में फर्जी नंबर प्लेट लगा देते हैं एवं अधिकतर दोनों गाड़ियों में एक ही नंबर लिखवा देते हैं।घटना के दौरान स्कूटी की डिग्गी में हम लोग एक जोड़ी कपड़े रखते हैं तथा घटना के पश्चात तुरंत अपनी पहचान छुपाने को कपड़े बदल दिया करते हैं।घटना के पश्चात हम फिर होटल में चले जाते हैं और मौका देखकर वहां से फरार हो जाते हैं। हम प्रत्येक घटना में स्कूटी एवं मोटरसाइकिल लेकर जाते हैं एवं जिस वाहन के द्वारा घटना की जाती है, घटनास्थल से जाते समय दूसरे वाहन के द्वारा आगे आगे जाकर रेकी की जाती है एवं संदेह होने पर पीछे आने वाले साथियों को चेकिंग के विषय में बता दिया जाता है।

पूछताछ विवरण-

दोनों अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग दिल्ली में कोबरा गैंग के नाम से जाने जाते हैं। हम लोग बड़ी सफाई से घटना को अंजाम देते हैं। घटना करने वाले स्थान पर हम 1 घंटा पूर्व से रेकी किया करते हैं तथा अच्छे से देखभाल कर ऐसी महिला का चयन करते हैं, जिसकी चैन आसानी से लूटी जा सकती है, उसके बाद  ही हम अपनी घटना को अंजाम देते हैं। हमने दिल्ली, राजस्थान आदि जगहों पर कई बार चोरी एवं लूट की घटनाएं की हैं, जिसमें हम लोग जेल भी जा चुके हैं। हमारा साथी अरशद बहुत साल पहले देहरादून में रहकर सर्फ बेचने का कार्य कर चुका है, जिसको यहां के क्षेत्रों की अच्छी तरह से जानकारी है। हमने यहां आकर पहले उक्त सभी स्थानों की रैकी ली थी एवं उसके द्वारा हमें सभी जगह दिखा दी गई थी। उसके पश्चात ही हमने मौका देखकर देहरादून मे चैन लूट की घटनाओं को अंजाम दिया है।आज भी हम पूर्व में लूटी गई चैनो को बेचकर हरिद्वार में कमरा लेकर रहने वाले थे ,एवं मौका पाकर कांवरियों की वेशभूषा धारण कर और कई घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई थी।

देहरादून एवं ऋषिकेश में की गई लूट की घटना का संक्षिप्त विवरण-

अभियुक्त मौहम्मद लिटोन उर्फ हसमुख ने पूछताछ में बताया कि मैं वर्ष 2008 में पश्चिम बंगाल से कबाड़ी का काम करने दिल्ली आया था। मैने 01 साल कबाड़ी का काम किया, जिसके बाद मैने लोक नारायण अस्पताल नई दिल्ली में वार्ड ब्वॉय का काम किया। इसके बाद मेरी दोस्ती गलत लोगो से हो गयी तो मैने नौकरी छोड़कर उनके साथ गलत काम करने शुरू कर दिये। मैने दिल्ली में कई स्थानों पर चोरी व लूट की घटना की, जिसमें में तीन बार पकड़ा भी गया। मैं आई0पी0 स्टेट थाने से लूट में, रेलवे नई दिल्ली से चोरी में तथा दरियागंज से लूट में जेल गया था। लगभग एक माह पूर्व मेरी मुलाकात मौहम्मद अनवर उर्फ बिहारी  व अरशद  से हुई थी। वह भी पूर्व में लूट और चोरी की घटना में जेल जा चुके हैं। इनसे मेरी अच्छी दोस्ती हो गयी थी। मैने, अपने साथी अनवर व अरशद के साथ मिलकर मसूरी, देहरादून घूमने के बहाने लूट करने का प्रोग्राम बनाया। हम तीनो दिनांक 12.07.19 को बिना नम्बर की मो0सा0 व स्कूटी से देहरादून पंहुचे। हमारे पास दो तमन्चे भी थे, जो लूट के दौरान हमने लोगो को डराने व धमकाने के लिये रखे थे। दिनांक 12.07.19 को रात्रि के समय लगभग 08.00 बजे मैं और मौ0 अनवर मोटरसाइकिल से लूट के लिए निकले, हम दोनो देहरादून स्थित एक पुलिस चौकी से थोड़ा आगे स्थित एक कालोनी के अन्दर पंहुचे, जहां पर पैदल चल रही एक महिला से उसकी सोने की चेन छीन ली तथा वहां से भाग गये। इसके बाद हम तीनो लोग देहरादून में ही रेलवे स्टेशन के पास सो गये थे। अगले दिन दिनांक 13.07.19 को रात्रि के समय इसी मो0सा0 से  मैंने और मौ0 अनवर ने  सहारनपुर चौक से स्कूटी सवार एक महिला-पुरूष का पीछा किया व एक सोसाईटी के अन्दर जाकर तमन्चा दिखाकर उसकी गले में पहनी सोने की चेन लूट कर वंहा से भाग गये। इसके बाद हम तीनो गांधी रोड़ देहरादून में रंगमहल नाम के होटल में रूके, जहां पर आई-डी के रूप में अनवर में अपने आधार कार्ड की छायाप्रति दी तथा एक मो0नं0 अंकित कराया था। दिनांक 14.07.19 की प्रातः ज्यूपिटर स्कूटी से मैंने और अरशद ने दोपहर के समय देहरादून में महिन्द्रा शोरूम के नजदीक एक प्राईमरी स्कूल के सामने स्कूटी सवार एक महिला को रोककर उससे चेन लूटने का प्रयास किया परन्तु महिला ने चेन को पकड़ लिया,  जिस पर हमने उसके पास में रखे पर्स को छीनकर भाग गये। पर्स के अन्दर लगभग 2500-3000 रूपये थे, जिन्हे हमने खाने पीने में खर्च कर दिया था। आज जो स्कूटी के अन्दर से लेदर का चाकलेटी रंग का पर्स मिला यह वही पर्स है। दिनांक 14.07.19 को इसी ज्यूपिटर स्कूटी से मैंने और मौ0 अरशद ने सहारनपुर चौक देहरादून से स्कूटी सवार दो महिलाओं का पीछा किया जब वह महिलायें एक कालोनी के अन्दर पंहुची तो मौका देखकर हमने तमन्चा दिखाकर उससे सोने की चेन लूट ली व वहां से भाग गये। इसी दिन सांय के समय इसी ज्यूपिटर स्कूटी से अरशद और मैंने देहरादून में किसान भवन से अन्दर गली में स्कूटी सवार दो महिलाओं को रोककर, उनकी स्कूटी बन्द कर, उन्हे तमन्चा दिखाकर झपट्टा मारकर उनमें से एक महिला के गले से सोने की चेन छीन ली व वहां से भाग गये। दिनांक 14.07.19 को मैं व अनवर चेन लूटने के लिये ऋषिकेश आये व ऋषिकेश में एक पुल के नजदीक शिवलोक नाम के होटल में ठहरे जहां पर मैंने अपने आधार कार्ड की छायाप्रति दी व अपना मोबाईल नम्बर अंकित कराया। अरशद स्कूटी से सीधे हरिद्वार चला गया था,  वह हमारे साथ ऋषिकेश नही आया। दिनांक 15.07.19 को दोपहर के समय हम दोनो ऋषिकेश में खडे होकर आने जाने वाली चेन पहने वाली महिलाओं पर नजर रखने लगे कि इतने में हमने देखा कि एक महिला ने चेन पहने हुये कार में बैठी बच्चो की छुट्टी का इन्तजार कर रही थी। हम दोनो ने तमन्चा दिखाकर महिला को डराया व उसकी सोने की चेन लूट कर वहां से भाग गये। जिसके बाद हम दोनो ऋषिकेश में ही एक आम के बगीचे के बराबर में जाकर खड़े हो गये,  थोड़ी ही देर में एक स्कूटी सवार महिला हमसे थोड़ा आगे आकर रूक गयी व फोन पर बात करने लगी।  मौका पाकर हमने महिला को तमन्चा दिखाकर उसके गले से चेन लूट ली। जब हम लोग चेन लूटकर वापस मुड़े इतने में सामने से आ रहे मो0सा0 सवार दो लड़को ने हमे घटना करते देख लिया,  जिस पर हमें रोकने के लिये उन्होने हमारे उपकर प्लास्टिक की खाली बाल्टी फेंकी जिससे हम लोग बाल बाल बचे व वहां से भागकर सीधे होटल शिवलोक पंहुचे, जहां पर हम दोनो अपने कपड़े बदलकर अपना सामान लेकर सीधे हरिद्वार के लिये निकल गये। हमने पुलिस चैकिंग के डर से दोनो तमन्चों व कारतूसों को अलग अलग पॉलीथीन में रखकर ऋषिकेश व हरिद्वार के मध्य श्यामपुर नाम की जगह में रेलवे फाटक से आगे पुलिया के पास झाड़ियों के नीचे छिपा दिया था। इसके बाद हम लोग सीधे हरिद्वार पंहुचे,  जहां पर हमें अरशद मिला। इसके बाद हम तीनो सीधे दिल्ली आ गये। दिल्ली में हमने इन चेनो को बेचने का काफी प्रयास किया परन्तु सुनार द्वारा चेन खरीदने से पूर्व हमारा व चेनो का पूरा विवरण मांगा गया, जिस पर हम तीनो चोरी की चेनो को वहां पर नही बेच पाये व इधर उधर घूमते रहे। हमें किसी ने बताया कि हरिद्वार में कलियर में यह सोने की चेन आराम से बिक सकती हैं,  जिस कारण आज दिनांक 22.07.19 को हम तीनो इन चेनों के बेचने के लिये कलियर आ रहे थे कि आप लोगो ने पकड़ लिया व अरशद मौके से फरार हो गया। हम दोनो छिपाये गये तमन्चों व कारतूसों को बरामद करा सकते हैं।

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