एम्स की आउटसोर्स कंपनी की चयन प्रक्रिया के बाबत मैसर्स व जीडीएसी इंटरप्राइजेज का दावानए आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती को लेकर संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी के नाम से जारी प्रपत्र को एम्स ऋषिकेश प्रशासन ने भ्रामक व बेबुनियाद बताया है।
एम्स प्रशासन ने संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है। एम्स के उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता ने बताया कि संस्थान द्वारा अभी कोई आउटसोर्स कंपनी हायर नहीं की गई है, फिलहाल उक्त कांट्रेक्ट मैसर्स प्रिंसिपल सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा.लिमिटेड के नाम से संचालित हो रहा है, जबकि संस्थान की ओर से नई एजेंसी के चयन को लेकर टेंडर प्रक्रिया गतिमान है।
उन्होंने बताया कि अभी नई किसी भी एजेंसी का चयन नहीं हुआ है। उपनिदेशक ( प्रशासन) अंशुमन गुप्ता ने संस्थान में नर्सेस, एंबुलेंस ड्राइवर, आयुष चिकित्सक, तकनीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर्स, लैब टेक्निशियन आदि पदों पर नियुक्ति संबंधी मैसर्स जीडीएसी इंटरप्राइजेज द्वारा जारी प्रपत्र को पूरी तरह से भ्रामक व बेबुनियाद बताया है।
उनका कहना है कि संस्थान के स्तर पर ऐसी किसी फर्म के साथ कोई अनुबंध नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान द्वारा मैसर्स जीडीएसी इंटरप्राइजेज के विरुद्ध जल्द कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
एम्स प्रशासन ने संबंधित एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है। एम्स के उप निदेशक (प्रशासन) अंशुमन गुप्ता ने बताया कि संस्थान द्वारा अभी कोई आउटसोर्स कंपनी हायर नहीं की गई है, फिलहाल उक्त कांट्रेक्ट मैसर्स प्रिंसिपल सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा.लिमिटेड के नाम से संचालित हो रहा है, जबकि संस्थान की ओर से नई एजेंसी के चयन को लेकर टेंडर प्रक्रिया गतिमान है।
उन्होंने बताया कि अभी नई किसी भी एजेंसी का चयन नहीं हुआ है। उपनिदेशक ( प्रशासन) अंशुमन गुप्ता ने संस्थान में नर्सेस, एंबुलेंस ड्राइवर, आयुष चिकित्सक, तकनीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर्स, लैब टेक्निशियन आदि पदों पर नियुक्ति संबंधी मैसर्स जीडीएसी इंटरप्राइजेज द्वारा जारी प्रपत्र को पूरी तरह से भ्रामक व बेबुनियाद बताया है।
उनका कहना है कि संस्थान के स्तर पर ऐसी किसी फर्म के साथ कोई अनुबंध नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि एम्स संस्थान द्वारा मैसर्स जीडीएसी इंटरप्राइजेज के विरुद्ध जल्द कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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