स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस सभी पत्रकार जगत को शुभकामनायें देते हुये स्वच्छ, निर्विकार और निर्भिक पत्रकारिता का दिया संदेश
ऋषिकेश:
परमार्थ निकेतन गंगा तट आज राष्ट्र, पर्यावरण एवं जल संरक्षण, माँ गंगा सहित देश की सभी नदियों को समर्पित मानस कथा में सहभाग किया। मानस कथा के दिव्य मंच से सभी पत्रकार बन्धुओं को ’हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ पर शुभकामनायें देते हुये कहा कि 21 वीं सदी में सोशल मीडिया और अन्य आधुनिक सूचना तकनीकी उपलब्ध है फिर भी हिन्दी पत्रकारिता की अपनी प्रासंगिकता है। उन्होने पत्रकार बन्धुओं से कहा कि भारत जैसे बड़े और मजबूत लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनायें रखने के लिये स्वच्छ, निर्भिक और निर्विकार पत्रकारिता की जरूरत है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने ’कैलाश खेर एकेडमी आॅफ आर्ट’ के विषय में चर्चा करते हुये कहा कि महाराज जी मैं एक ऐसी एकेडमी खोलना चाहते है जहां पर युवाओं को संगीत का प्रशिक्षण दिया जा सके। जिन युवाओं के पास प्रतिभा है परन्तु आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है उन्हें इस एकेडमी में प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होने इच्छा व्यक्त की कि इस तरह की एकेडमी मुम्बई में खोली जाये। स्वामी जी ने कहा कि ऋषिकेश ऐसा स्थान है जहां पर भारत सहित विश्व से लोग आते है इस तरह की एकेडमी यहां पर खोली जाये तो और भी बेहतर होगा।
हिन्दी भाषा में ’उदन्त मार्तण्ड’ नाम से पहला समाचार पत्र 30 मई 1826 में निकाला गया था। इसलिये इस दिन को हिन्दी पत्रकारिता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आज एकादशी के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने एकादशी का महत्व बताते हुये कहा कि मनुष्य जीवन के लिये एकादशी व्रत अत्यंत लाभकारी है। उन्होने कहा कि क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तासुकु होंजो और टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेम्स एलिसन ने रिसर्च के माध्यम से बताया कि एकादशी का व्रत रखने से कैन्सर जैसी बीमारी भी दूर रह सकती है।
अगर कोई व्यक्ति साल भर में कम से कम 20 दिन, 10 घण्टे बिना खाये-पीये रहता है तो उसे कैंसर होने की सम्भावना 90 प्रतिशत कम होगी क्योकि जब शरीर भूखा होता है तो शरीर उन सेल्स को नष्ट करने लगता है, जिनसे कैंसर होता है। इस रिसर्च को इस वर्ष चिकित्सा का नोबल पुरस्कार मिला है। इतिहास भी इस बात का साक्षी है कि हिन्दू धर्म विश्व का प्राचीनतम धर्म है वेदों पर आधारित वैदिक एवं वैज्ञानिक धर्म है। उन्होने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो धार्मिक मान्यतायें एवं परम्परायें निर्धारित की है वह वैज्ञानिकता की कसौटी पर कसी हुई और खरी भी है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि मैने इन दो प्रोफेसर के रिसर्च के बारे में पढ़ा जिन्होने कितनी बेहतरीन बाते लिखी है।
आज एकादशी का दिन है इस अवसर पर हम अपने धार्मिक विज्ञान को समझें कि हमारे ऋषियों ने वैज्ञानिकता के साथ और इन सब चीजों को धर्म के साथ जोड़कर बताया ताकि हम इन चीजों का आस्थापूर्वक निर्वहन करते रहें। उन्होने कहा कि हमारी संस्कृति अप्रतीम है, अद्भुत और अनुपम है अतः उसके पीछे के रहस्य को समझें और तथ्यों को जाने और मानें भी।
प्रसिद्ध गायक श्री कैलाश खेर ने कहा कि मैं परमार्थ निकेतन की ही उत्त्पति हूँ; मुझे स्वामी जी का अद्भुत कृपा प्रसाद मिला है। कभी मैं पहले सोचता था कि मुझे भी परमार्थ निकेतन में रहने का मौका मिले और स्वामी जी के आशीर्वाद से मुझे यह अवसर प्राप्त हुआ था। आज मैं मुम्बई में रहता हूँ और मुझे तो लगता है गंगा माँ ने सागर जैसे पिता के पास मुझे भेजा है और मैं वहां पर आप सभी का नाम रोशन करने की कोशिश कर रहा हूँ।
मुझे आज पूरे भारत वर्ष को कोटि-कोटि नमन करके धन्यवाद देना है कि जो कभी न हुआ आज आप सब ने भारत में वह कर दिखाया। भारत में आज जो ऐतिहासिक दिन आया है वह आप सब की वजह से आया। पहली बार भारत की जनता ने भारत को एक ऐसी स्थिर सरकार दी उसके लिये सब को धन्यवाद देता हूँ। मुझे लगता है कि अब मेरा भारत दिव्य, प्यारा और स्वच्छ भारत वापस मिलने वाला है। उन्होने सभी को संदेश दिया कि अपने मन के इंफ्रास्ट्रक्चर को सम्भाल लीजीये तो हो गया परिवर्तन।
मानस कथाकार संत मुरलीधर जी महाराज ने मानस कथा में नारद जी के चरित्र की विशेषता बताते हुये कहा कि नारद जी तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान-प्रदान करते थे। नारद जी ही उस समय के फोन, मोबाइल फोन और समाचार पत्र थे उन्ही के माध्यम से तीनों लोकों में सूचनाओं का आदान-प्रदान होता था। अतः उन्हें सृष्टि का पहला पत्रकार माना गया है।
प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने परमार्थ निकेतन से चलते-चलते स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और साध्वी भगवती सरस्वती जी के सान्निध्य में सपरिवार विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। स्वामी जी महाराज ने संगीत के माध्यम से जल जागरण यात्रा और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।
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