- परमार्थ निकेतन में श्रीराम कथा का आयोजन*
- उत्तराखण्ड की राज्यपाल महामहिम श्रीमती बेबी रानी मौर्या जी के द्वारा होगा श्रीराम कथा का उद्घाटन*
- राष्ट्र, पर्यावरण एवं जल संरक्षण को समर्पित है श्रीराम कथा संस्कार चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण*
ऋषिकेश;
परमार्थ निकेतन में कथाकार श्री मुरलीधर जी महाराज सपरिवार पधारे। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने वेदमंत्रों से श्री मुरलीधर जी महाराज का अभिनन्दन किया।
परमार्थ निकेतन में राष्ट्र, पर्यावरण एवं जल संरक्षण हेतु श्रीराम कथा का शुभारम्भ कथाकार श्री मुरलीधर जी महाराज के मुखारविन्द से 16 मई से 14 जून तक परमार्थ गंगा तट पर किया जा रहा है। श्रीराम कथा का उद्घाटन उत्तराखण्ड की राज्यपाल महामहिम श्रीमती बेबी रानी मौर्या जी के द्वारा होगा। कथा के मंच से प्रतिदिन पूज्य संतों, पर्यावरणविदों एवं अन्य विभूतियों के विचार सुनने को मिलेंगे। इस दिव्य कथा का उद्देश्य है कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, स्वच्छ जल, नदियों का संरक्षण, शौचालय के प्रति जागरूकता, प्लास्टिक मुक्त विश्व का निर्माण, वृक्षारोपण, बढ़ते ई कचरे के प्रति जागरूकता, शाकाहारी जीवनचर्या, कुपोषण, महिला सशक्तिकरण, शादी से पहले शिक्षा, बाल विवाह के प्रति जागरूकता, नशा मुक्त भारत, भू्रण हत्या जैसे विषयों पर श्री राम कथा के माध्यम से संदेश प्रसारित करेंगे तथा लोगों को संकल्प दिलवायेंगे।
परमार्थ निकेतन द्वारा स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण एवं तात्कालीन सामाजिक मुद्दों के सामाधान हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। भारतीय अध्यात्म में प्रकृति, पेड़-पौधे, जल और नदियों को पूजा जाता है तथा प्रकृति के सान्निध्य में रहने के लिये प्रेरित किया जाता है परन्तु विडम्बना यह है कि मानव के अवैज्ञानिक विकास के कारण आज मानव का ही भविष्य संकट की कगार पर है। अतः श्री राम कथा के माध्यम से विश्व स्तर पर यह संदेश पंहुचाया जायेगा। श्री राम कथा का प्रतिदिन पूरे विश्व में संस्कार चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने बताया कि विगत वर्ष भी परमार्थ निकेतन में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया था। कथा के माध्यम से जागरण का संदेश प्रसारित किया गया जिसके विलक्षण परिणाम प्राप्त हुये तथा देश और विदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं और श्रीराम भक्तों का आग्रह था कि परमार्थ निकेतन के दिव्य घाट से माँ गंगा के साथ श्रीराम कथा की ज्ञान गंगा भी प्रसारित होती रहे इसी परिपेक्ष्य में इस वर्ष भी श्रीराम कथा का आयोजन किया जाये। कथा के माध्यम से पूरे विश्व को गंगा, हिमालय और राष्ट्रभक्ति का संदेश प्राप्त होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सभी का आह्वान किया कि सभी परमार्थ गंगा तट पर श्रीराम कथा श्रवण करने हेतु पधारे तथा कथा के पश्चात बाहर से आये श्रद्धालुओं के लिये भोजन प्रसाद की व्यवस्था कि गयी है।
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