चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को श्री हनुमान जयंती देश भर में मनाई जा रही है. अतुलित बल के स्वामी, विद्या, बुद्धि , ज्ञान , तंत्र-मन्त्र, योग, संसार की समस्त कलाओं के स्वामी श्रीराम भक्त हनुमान जी की कलियुग के एकमात्र ऐसे देव है जिनके स्मरण से मनुष्य रोगों और दोषों से दूर रहता है
श्रीरामचन्द्र जी का जन्म भी चैत्र मास में ही हुआ है , उनके और हनुमान जी के सखा भाव को समस्त संसार जनता है. जहाँ राम आज के दिन हनुमान जी के लिए शुद्ध होकर हलवा , पूरी, मिष्ठान (लड्डू) , पुष्प , धूप , दीप , सिंदूर ,केसर से उनकी आराधना करनी चाहिए.
हनुमान चालीसा, हनुमान जी की आरती, हनुमाष्टक, बजरंगबाण , सुंदरकांड,और राम संकीर्तन के द्वारा हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहिए.
श्रीरामचन्द्र जी का जन्म भी चैत्र मास में ही हुआ है , उनके और हनुमान जी के सखा भाव को समस्त संसार जनता है. जहाँ राम आज के दिन हनुमान जी के लिए शुद्ध होकर हलवा , पूरी, मिष्ठान (लड्डू) , पुष्प , धूप , दीप , सिंदूर ,केसर से उनकी आराधना करनी चाहिए.
हनुमान चालीसा, हनुमान जी की आरती, हनुमाष्टक, बजरंगबाण , सुंदरकांड,और राम संकीर्तन के द्वारा हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहिए.
एक टिप्पणी भेजें