श्री राम हमारे देश की संस्कृति का आधार है, भारत भूमि के श्वास है,उनका स्मरण मात्र ही हमारे सभी तापों को नष्ट कर देता है. अयोध्या की पवन भूमि पर जन्मे मर्यादा पुरुषोतम श्री राम के जन्मदिवस को रामनवमी के रूप में देश भर में अनंत काल से मनाया जाता रहा है और मनाया जाता रहेगा. उनके विग्रह को भूमि पर स्थान मिले या नहीं मिले, हमारे दिलों में उनका सर्वोत्तम सर्वोच्च स्थान सदा बना रहेगा.
शास्त्रों में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म नवमी तिथि में कर्क लग्न में वर्णित है। 13 अप्रैल को मध्यान्ह काल में कर्क लग्न पूर्वान्ह 11:34 बजे से अपरान्ह 01:51 बजे के बीच में रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रामनवमी के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। रामनवमी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भगवान राम के जन्मोत्सव का यह पर्व हमें भारतीय संस्कृति के उदात्त गुणों, भक्ति, श्रद्धा, शक्ति, शान्ति, शील तथा सदाचार की प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि श्री राम का जीवन चरित्र आदर्श जीवन के साथ ही आचरण की शुद्धता के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस पावन पर्व पर प्रदेश की खुशहाली की भी कामना की है।
ऐसे करें रामनवमी का पूजन, न भूलें हनुमान जी को
राम नवमी के दिन स्नान कर उत्तर दिशा में मंडप बनाकर राम दरबार की मूर्ति, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। हनुमान जी को विराजमान करें। इस दिन भगवान राम का मय पंचायतन करना चाहिए। इस मंडप में विराजमान सीता, राम, लक्ष्मण, हनुमान जी का विविध उपचारों (जल, पुष्प, गंगाजल, वस्त्र, अक्षत, कुमकुम) आदि से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आरती का आयोजन करना चाहिए।
मंदिरों में रामनवमी पूजन की तैयारियां जोर -शोर से चल रही है. देश के विभिन्न मंदिरों में श्री राम की परिवार सहित पूजा हो रही है.
शास्त्रों में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम का जन्म नवमी तिथि में कर्क लग्न में वर्णित है। 13 अप्रैल को मध्यान्ह काल में कर्क लग्न पूर्वान्ह 11:34 बजे से अपरान्ह 01:51 बजे के बीच में रहेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रामनवमी के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। रामनवमी की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भगवान राम के जन्मोत्सव का यह पर्व हमें भारतीय संस्कृति के उदात्त गुणों, भक्ति, श्रद्धा, शक्ति, शान्ति, शील तथा सदाचार की प्रेरणा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि श्री राम का जीवन चरित्र आदर्श जीवन के साथ ही आचरण की शुद्धता के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस पावन पर्व पर प्रदेश की खुशहाली की भी कामना की है।
ऐसे करें रामनवमी का पूजन, न भूलें हनुमान जी को
राम नवमी के दिन स्नान कर उत्तर दिशा में मंडप बनाकर राम दरबार की मूर्ति, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। हनुमान जी को विराजमान करें। इस दिन भगवान राम का मय पंचायतन करना चाहिए। इस मंडप में विराजमान सीता, राम, लक्ष्मण, हनुमान जी का विविध उपचारों (जल, पुष्प, गंगाजल, वस्त्र, अक्षत, कुमकुम) आदि से पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आरती का आयोजन करना चाहिए।
मंदिरों में रामनवमी पूजन की तैयारियां जोर -शोर से चल रही है. देश के विभिन्न मंदिरों में श्री राम की परिवार सहित पूजा हो रही है.
एक टिप्पणी भेजें