रूद्रप्रयाग :
भूपेंद्र भंडारी
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के खास्ताहाल स्थिति किसी से छुपी नही हैं लेकिन आज बात उत्तराखंड के एक ऐसे सरकारी स्कूल की जिसके आगे प्राइवेट स्कूल फीके नजर आते हैंए इस स्कूल को देखकर आप ये जरूर सोचेगे कि काश उत्तराखंड का हर स्कूल ऐसा हो जायेगा . रूद्रप्रयाग जिले के आपदाग्रस्त गांव पांजणा को राजकीय प्राथमिक विद्यालय पांजणा में मौजूद सुविधाओं के आगे प्राईवेट स्कूल भी बौने साबित हो जाते हैं
पांजणा गांव वर्ष 2007ए 2012 व वर्ष 2013 में तीन बार बादल फटने के कारण, आपदा की दृष्टि से विस्थापन को लेकर प्रदेश में पहले नम्बर पर है.
हरीश चन्द्र भट्टए प्रधानाचार्यए राजकीय प्राथमिक विघालय पांजणा कि उत्तराखण्ड़ आपदा पुर्ननिर्माण योजना के अंतर्गत वर्ल्ड बैंक की मदद से इस विघालय में 55 लाख 65 हजार की लागत से एक सुन्दर ईमारत और बच्चों के लिए संसाधन उलब्ध करवाये गये
यहाॅ बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासए साफ टॉयलेट ,शिक्षाप्रद बातों के लिए टीवी स्क्रीन, मिड डे मील के लिए अलग से साफ कमरा, पानी पीने के लिए आरओ के साथ ही स्कूल का स्वच्छ वातावरण, सुंदर फुलवारी, यानी कुल मिलाकर कहें तो पहाड़ की शिक्षा व्यवस्था पर ये स्कूल चार चांद लगा रहा है।
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