श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष ने गौरामाई मंदिर का निरीक्षण कियामंदिर कर्मियों को दिशा-निर्देश दिये
गौरीकुंड/ गुप्तकाशी/ रूद्रप्रयाग:
17 अप्रैल बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने श्री केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीमाई मंदिर सहित आपदा के पश्चात दुबारा अस्तित्व में आये गरम पानी के कुंड, मंदिर परिसर, मंदिर समिति कार्यालय, गौरीकुंड स्थित मंदाकिनी घाट आदि का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ आपदा के पश्चात गौरीकुंड में मंदिर समिति को उस समय भारी क्षति पहुंची थी ।फलस्वरूप गौरीमाता मंदिर तक मलबे से ढक गया था । मंदिर परिसर, कार्यालय, धर्मशाला पूर्णत: ढह गयी थी। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति का प्रयाश रहेगा कि गौरीमाता मंदिर परिसर को पूर्व की तरह सजाया-संवारा जाये। तथा यात्रियों के लिए पहले की भांति धर्मशाला एवं विश्रामगृह का नव निर्माण हो सके। गौरीकुंड स्थित मंदिर समिति का भंडार गृह आपदा के समय बह गया था भंडार कक्षों को यथास्थान बनाया जायेगा।
वर्तमान में पुनर्जीवित हुए गरम कुंड को पहले की तरह स्नान के योग्य बनाया जाये इसके लिए समिति अपने स्तर से भी कार्य करेगी।
गौरीकुंड में मंदाकिनी घाट का भी उन्होंने निरीक्षण किया तथा घाट को सजाने सवारने पर चर्चा
हुई। इस दौरान मंदिर समिति के उपाध्यक्ष स्थानीय जनों, हक-हकूक धारियों से मिले उन्होंने गरम कुंड में हो रहे स्थानीय भूमि विवाद को प्रशासन से आपसी सहमति से सुलझाने की अपील की है।
मंदिर समिति उपाध्यक्ष ने गौरीकुंड में मंदिर समिति कर्मचारियों की बैठक में कहा कि कर्मचारियों के बेहतर ब्यवहार से ही यात्रियों को अच्छा संदेश जाता है कर्मचारियों के सेवा भावना से कार्य करें,तथा ब्यवस्थायें दुरुस्त करें।
मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट 9 मई प्रात: 5 बजकर 35 मिनट पर खुल रहे हैं,जबकि श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति 6 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर फाटा विश्राम करेगी, 7 मई को डोली गौरीकुंड
प्रवास करेगी 8 मई को चलविग्रह डोली श्री केदारनाथ पहुंचेगी।
इस अवसर पर प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी,मठापति संपूर्णानंद, पुजारी लोकेश्वर जमलोकी, दिनेश मैठाणी,प्रधान राकेश गोस्वामी सहित मंदिर समिति कर्मचारी, स्थानीय लोग उपस्थित रहे। गौरीकुंड से वापस
आकर उन्होंने सोनप्रयाग यात्री विश्राम गृह का भी निरीक्षण किया।
गौरीकुंड/ गुप्तकाशी/ रूद्रप्रयाग:
17 अप्रैल बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री ने श्री केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीमाई मंदिर सहित आपदा के पश्चात दुबारा अस्तित्व में आये गरम पानी के कुंड, मंदिर परिसर, मंदिर समिति कार्यालय, गौरीकुंड स्थित मंदाकिनी घाट आदि का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि केदारनाथ आपदा के पश्चात गौरीकुंड में मंदिर समिति को उस समय भारी क्षति पहुंची थी ।फलस्वरूप गौरीमाता मंदिर तक मलबे से ढक गया था । मंदिर परिसर, कार्यालय, धर्मशाला पूर्णत: ढह गयी थी। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति का प्रयाश रहेगा कि गौरीमाता मंदिर परिसर को पूर्व की तरह सजाया-संवारा जाये। तथा यात्रियों के लिए पहले की भांति धर्मशाला एवं विश्रामगृह का नव निर्माण हो सके। गौरीकुंड स्थित मंदिर समिति का भंडार गृह आपदा के समय बह गया था भंडार कक्षों को यथास्थान बनाया जायेगा।
वर्तमान में पुनर्जीवित हुए गरम कुंड को पहले की तरह स्नान के योग्य बनाया जाये इसके लिए समिति अपने स्तर से भी कार्य करेगी।
गौरीकुंड में मंदाकिनी घाट का भी उन्होंने निरीक्षण किया तथा घाट को सजाने सवारने पर चर्चा
हुई। इस दौरान मंदिर समिति के उपाध्यक्ष स्थानीय जनों, हक-हकूक धारियों से मिले उन्होंने गरम कुंड में हो रहे स्थानीय भूमि विवाद को प्रशासन से आपसी सहमति से सुलझाने की अपील की है।
मंदिर समिति उपाध्यक्ष ने गौरीकुंड में मंदिर समिति कर्मचारियों की बैठक में कहा कि कर्मचारियों के बेहतर ब्यवहार से ही यात्रियों को अच्छा संदेश जाता है कर्मचारियों के सेवा भावना से कार्य करें,तथा ब्यवस्थायें दुरुस्त करें।
मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट 9 मई प्रात: 5 बजकर 35 मिनट पर खुल रहे हैं,जबकि श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति 6 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से प्रस्थान कर फाटा विश्राम करेगी, 7 मई को डोली गौरीकुंड
प्रवास करेगी 8 मई को चलविग्रह डोली श्री केदारनाथ पहुंचेगी।
इस अवसर पर प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी,मठापति संपूर्णानंद, पुजारी लोकेश्वर जमलोकी, दिनेश मैठाणी,प्रधान राकेश गोस्वामी सहित मंदिर समिति कर्मचारी, स्थानीय लोग उपस्थित रहे। गौरीकुंड से वापस
आकर उन्होंने सोनप्रयाग यात्री विश्राम गृह का भी निरीक्षण किया।
एक टिप्पणी भेजें