ऋषिकेश -
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बुधवार को फैकल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हो गई।तीन दिवसीय कार्यशाला का एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने कहा कि मेडिकल की शिक्षा में नॉलेज पर तो पूरा जोर दिया जा रहा है मगर विद्यार्थियों में स्किल डेवलपमेंट व मरीजों से कैसा व्यवहार किया जाए इस ओर अपेक्षाकृत गौर नहीं किया जा रहा है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि हेल्थ के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सक व मरीज के मध्य मतभेद भी मेडिकल स्टूडेंट्स में व्यवहारिक शिक्षा के विकास को नजरअंदाज करने की मुख्य वजह है,लिहाजा इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि बच्चे को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि व्यवहारिकज्ञान का होना भी नितांत आवश्यक है। कार्यशाला में समन्वयक डा.सौरभ वाष्ण्रेय व डा.गीता नेगी के अलावा डीन नर्सिंग डा.सुरेश के.शर्मा, मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रो.शालिनी राव,डा.अनुपमा बहादुर, डा.मनीषा नैथानी, डा.मनीषा बिष्ट, डा.प्रतिमा गुप्ता ने व्याख्यान दिए। कार्यशाला में पीजी स्टूडेंट्स व फैकल्टी मेंबर प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर डा.शशि प्रतीक, डा.पीके पांडा,डा.वैंकटेश एस.पाई, डा.मोहित आदि मौजूद थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बुधवार को फैकल्टी डेवलपमेंट प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हो गई।तीन दिवसीय कार्यशाला का एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने कहा कि मेडिकल की शिक्षा में नॉलेज पर तो पूरा जोर दिया जा रहा है मगर विद्यार्थियों में स्किल डेवलपमेंट व मरीजों से कैसा व्यवहार किया जाए इस ओर अपेक्षाकृत गौर नहीं किया जा रहा है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि हेल्थ के परिप्रेक्ष्य में चिकित्सक व मरीज के मध्य मतभेद भी मेडिकल स्टूडेंट्स में व्यवहारिक शिक्षा के विकास को नजरअंदाज करने की मुख्य वजह है,लिहाजा इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
निदेशक एम्स प्रो.रवि कांत ने बताया कि बच्चे को सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि व्यवहारिकज्ञान का होना भी नितांत आवश्यक है। कार्यशाला में समन्वयक डा.सौरभ वाष्ण्रेय व डा.गीता नेगी के अलावा डीन नर्सिंग डा.सुरेश के.शर्मा, मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रो.शालिनी राव,डा.अनुपमा बहादुर, डा.मनीषा नैथानी, डा.मनीषा बिष्ट, डा.प्रतिमा गुप्ता ने व्याख्यान दिए। कार्यशाला में पीजी स्टूडेंट्स व फैकल्टी मेंबर प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर डा.शशि प्रतीक, डा.पीके पांडा,डा.वैंकटेश एस.पाई, डा.मोहित आदि मौजूद थे।
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