08 अप्रैल 2019 को नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज भक्त जन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करते हैं। मालूम हो कि मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा नाम से जाना जाता है. आज के दिन मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है। अगर आपको जीवन में सुख समृद्धि चाहिए तो इन आसान मंत्र और पूजा विधि और शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आपके लिए बेहद जरूरी है. आज के दिन मां दुर्गा के इस रूप को यानी मां चंद्रघंटा को केसर और केवड़ा के जल से स्नान कराएं.
आज भक्त मां चंद्रघंटा को सुनहरे रंग का वस्त्र पहनाएं. आज आप भी सुनहरे या भूरे रंग का ही कपड़ा पहनें। मां दुर्गा के इस रूप को केसर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला पहनाएं. मां चंद्रघंटा को खुश करने के लिए आज के दिन ये मंत्र जरूर पढ़ें.
‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः’
मां चंद्रघंटा को गुड़ और लाल सेब बहुत पसंद हैं. मां को प्रसन्न करने के लिए घंटा और ढोल-नगाड़े बजाकर पूजा करना चाहिए. आरती के वक्त घंटा जरूर बजाएं. इस पूजा के बाद प्रसाद के रूप में गाय का दूध चढ़ाया जाता है। मालूम हो कि मां चंद्रघंटा का पूरी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से भय से मुक्ति और अपार साहस मिलता है. यूं तो माता दुर्गा का हर रूप निराला है. मां चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है।
आज भक्त मां चंद्रघंटा को सुनहरे रंग का वस्त्र पहनाएं. आज आप भी सुनहरे या भूरे रंग का ही कपड़ा पहनें। मां दुर्गा के इस रूप को केसर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और मां चंद्रघंटा को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला पहनाएं. मां चंद्रघंटा को खुश करने के लिए आज के दिन ये मंत्र जरूर पढ़ें.
‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः’
मां चंद्रघंटा को गुड़ और लाल सेब बहुत पसंद हैं. मां को प्रसन्न करने के लिए घंटा और ढोल-नगाड़े बजाकर पूजा करना चाहिए. आरती के वक्त घंटा जरूर बजाएं. इस पूजा के बाद प्रसाद के रूप में गाय का दूध चढ़ाया जाता है। मालूम हो कि मां चंद्रघंटा का पूरी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से भय से मुक्ति और अपार साहस मिलता है. यूं तो माता दुर्गा का हर रूप निराला है. मां चंद्रघंटा के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है. मां चंद्रघंटा तंभ साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं और ज्योतिष में इनका संबंध मंगल ग्रह से होता है।
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