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  रुद्रप्रयाग;


वीरभूमि , देवभूमि उत्तराखंड का एक और सपूत देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। सूर्यकांत पंवार
आई टीबीपी  में  तैनात थे। किसे पता था कि रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में पड़ने वाले बड़मा गांव के रहने वाले , सूर्यकांत पंवार  के साथ ये हादसा पेश आ जायेगा और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ेगा। लगातार उत्तराखण्ड  अपने लाल को खो देगा।

जवानों के शहीद होने के सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है और अब एकबार फिर एक दुखभरी खबर पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ देशभर के लोगों के लिए है। क्यूंकि जम्मू कश्मीर में पहाड़ का एक और लाल शहीद हो गया है। सूर्यकान्त पंवार शहीद हो गए हैं। आपको बता दें कि सूर्यकान्त पंवार भारत-तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी में लेह-लद्दाख क्षेत्र में तैनात थे।

ये पूरी दुर्घटना करीब 2 दिन पूर्व की बतायी जा रही है। खबर के अनुसार आईटीबीपी में तैनात उत्तराखंड के जवान सूर्यकान्त पंवार लेह-लद्दाख क्षेत्र में ग्लेशियर में फंसने के कारण देश के लिए शहीद हो गये हैं।

 शहीद सूर्यकान्त पंवार का परिवार पिछले कुछ समय से दिल्ली में ही रहता है शहीद के परिवार में पत्नी समेत 11 वर्षीय बेटा और 5 वर्षीय बेटी है। शहीद की पत्नी और बच्चे दिल्ली में आरके पुरम में रहते हैं और खबर मिलने के बाद से घर में कोहराम मचा हुआ है| शहीद की उम्र करीब 35 साल है। और अब पूरा परिवार दिल्ली से उनके पैतृक गांव जखोली बड़मा पहुंच रहा है क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि आने वाले शनिवार यानी 9 मार्च तक शहीद सूर्यकान्त पंवार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बड़मा लाया जाएगा।

शहीद के पैतृक घर में बड़े भाई और मां-बाप रहते हैं, शहीद सूर्यकान्त पंवार के पिता सरकारी स्कूल के रिटायर टीचर हैं। जानकारी के अनुसार 9 मार्च शनिवार तक शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच जाएगा। वहीं जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को अभी आईटीबीपी की तरफ से कोई सूचना नहीं दी गई है, लेकिन आईटीबीपी ने शहीद होने की सूचना परिजनों को दे दी है।

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