बड़गाम में 27 फरवरी को वायुसेना का एमआई- 17 हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था, इसमें 6 जवान शीद हुए थे उन्ही में सिद्धार्थ वशिष्ठ भी शामिल थे.
.स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का कल चंडीगढ़ में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी पत्नी स्कवाड्रन लीडर आरती वशिष्ठ ने पति को कंधा दिया। पिता जगदीश वशिष्ठ ने अपने 31 साल के शहीद बेटे को मुखाग्नि दी। सिद्धार्थ को 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान रेस्क्यू अभियान में अहम भूमिका निभाने के लिए सराहना मिली थी।.सिद्धार्थ को अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। पूरा घाट भारत माता की जय और सिद्धार्थ अमर रहे के जयकारों से गूंज उठा। वायुसेना की ओर से स्कवाड्रन लीडर शहीद सिद्धार्थ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शहीद के सम्मान में 21 ताेपों की सलामी भी दी गई।
परिवार का हौंसला बांधे हुए सिद्धार्थ के पिता भी अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान फूट-फूटकर रोने लगे। पिता पीएनबी बैंक से रिटायर्ड हैं। शव यात्रा के घर से निकलने से पहले आरती पति की पार्थिव देह से लिपट कर गई। घर के हर कोने से एक ही आवाज आ रही थी, हमारा बनी कहां चला गया। शहीद सिद्धार्थ का निक नेम बनी था।
इससे पहले गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली और फिर चंडीगढ़ लाया गया था। शहीद की पत्नी आरती वशिष्ठ वर्दी पहनकर पार्थिव देह लेने के लिए पहुंचीं। इस दौरान वायुसेना के अधिकारी भी उनके साथ रहे हैं। पूरे साहस के साथ पति का पार्थिव शरीर लेकर वह आईं। आरती भोपाल की रहने वाली हैं। सिद्धार्थ के दो साल का बेटा अंगद है।
.स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ वशिष्ठ का कल चंडीगढ़ में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
उनकी पत्नी स्कवाड्रन लीडर आरती वशिष्ठ ने पति को कंधा दिया। पिता जगदीश वशिष्ठ ने अपने 31 साल के शहीद बेटे को मुखाग्नि दी। सिद्धार्थ को 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान रेस्क्यू अभियान में अहम भूमिका निभाने के लिए सराहना मिली थी।.सिद्धार्थ को अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। पूरा घाट भारत माता की जय और सिद्धार्थ अमर रहे के जयकारों से गूंज उठा। वायुसेना की ओर से स्कवाड्रन लीडर शहीद सिद्धार्थ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। शहीद के सम्मान में 21 ताेपों की सलामी भी दी गई।
परिवार का हौंसला बांधे हुए सिद्धार्थ के पिता भी अंतिम संस्कार की रस्मों के दौरान फूट-फूटकर रोने लगे। पिता पीएनबी बैंक से रिटायर्ड हैं। शव यात्रा के घर से निकलने से पहले आरती पति की पार्थिव देह से लिपट कर गई। घर के हर कोने से एक ही आवाज आ रही थी, हमारा बनी कहां चला गया। शहीद सिद्धार्थ का निक नेम बनी था।
इससे पहले गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर दिल्ली और फिर चंडीगढ़ लाया गया था। शहीद की पत्नी आरती वशिष्ठ वर्दी पहनकर पार्थिव देह लेने के लिए पहुंचीं। इस दौरान वायुसेना के अधिकारी भी उनके साथ रहे हैं। पूरे साहस के साथ पति का पार्थिव शरीर लेकर वह आईं। आरती भोपाल की रहने वाली हैं। सिद्धार्थ के दो साल का बेटा अंगद है।
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