देहरादून:
आस्था के महाकुंभ का साक्षी बनने के लिए श्री दरबार साहिब में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा ओर यहा हजारों श्रद्धालुओं ने झंडेजी के सम्मुख शीश नवाए ओर हर कोई झंडा साहिब के सामने मत्था टेकने और गुरु महाराज के दर्शन को बेताब दिखा ओर मान्यता है कि झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का मौका नसीब वालों को मिलता है ओर इस अवसर पर श्री दरबार साहिब परिसर व आसपास का क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा ओर सोमवार को विधि विधान से झंडेजी का आरोहण होने के साथ ही महीने भर चलने वाले ऐतिहासिक मेले का शुभारंभ हो गया ओर बता दें कि ऐतिहासिक झंडेजी मेले के लिए साल 2117 तक के लिए दर्शनी गिलाफ की बुकिंग हो चुकी है ओर वहीं 2042 तक के लिए शनील के गिलाफ की बुकिंग हो चुकी है ओर आज झंडेजी से पुराने गिलाफ उतारने और नए गिलाफ चढ़ाने का नजारा अद्भुत था ओर झंडेजी के नीचे हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए थे ओर जो सुबह आठ बजे झंडेजी को उतारने के बाद विधिविधान से पूजा अर्चना की गई ओर जिसके बाद पुराने गिलाफ उतार कर झंडे जी को संगतों ने दूध, घी, शहद, गंगाजल व पंचगब्यों से स्नान करवाया ओर 95 फीट ऊंचे झंडेजी पर पहले सादे और शनील के गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू हुई ओर दोपहर करीब 1:30 बजे दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गयाहर कोई दर्शनी गिलाफ को छूकर पुण्य अर्जित करने के लिए उत्सुक दिखा ओर 4 बजकर 15 मिनट पर नए मखमली वस्त्र और सुनहरे गोटों से सुसज्जित झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई ओर इसी दौरान एक बाज ने झंडेजी की परिक्रमा की। झंडेजी पर शीश नवाने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश सहित विदेश से संगतें पहुंचीं ओर विदेशों से आईं संगतें झंडेजी के आरोहण की साक्षी बनीं ओर श्री दरबार साहिब में श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ ही गुरु की महिमा का गुणगान करते रहे।झंडे जी मेले के दौरान सुबह से शुरू हुई बूंदाबांदी के बाद भी श्री दरबार साहिब की ओर बढ़ रहे श्रद्धालुओं के कदम नहीं रुके। वहीं दरबार के चारों ओर सेवा दल सफाई करने में जुटे रहे ओर बारिश के दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बैठने के लिए दरबार में अलग-अलग जगह व्यवस्था की गई थी।
एक टिप्पणी भेजें