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-हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से कार्यशाला आयोजित
डोईवाला:
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में चिकित्सा संस्थानों में होने वाली हिंसा की रोकथाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कांन्फ्रेस का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने ऐसी किसी आपात स्थित से निपटने के लिए अपने सुझाव दिए।
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आयोजित कांन्फ्रेस का उद्घाटन डॉ. स्वामी राम के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने गुरू वंदना प्रस्तुत की। बतौर मुख्य अतिथि एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति डॉ. हेम चंद्र वहां मौजूद छात्र-छात्राओं को कहा कि आपातकालीन स्थित में निपटने के लिए आपका व्यवहार मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नही होता। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बीमार व्यक्ति को सहानभूति व प्यार की जरूरत होती है। कांफ्रेस की अध्यक्षयता करते हुए एसआरएचयू के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि हिंसा की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए कैशल के साथ पशिक्षण की भी आवश्यकता है। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ.रेनू धस्माना ने विशेषज्ञों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कॉन्फ्रेंस में आए विचार व सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। सचिव राजेश शर्मा ने कॉन्फ्रेंस में आए मौजूद सभी डेलीगेट व छात्र-छात्राओं का अभिवादन किया। इस दौरान कॉन्फ्रेंस के विषय पर आधारित स्मारिका का भी विमोचन किया गया। सम्मेलन में डॉ. विजेन्द्र चौहान, डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. उमा भारद्वाज, डॉ. वाईएस. बिष्ट, साधना मिश्रा, डॉ.विनिता कालरा, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ.संजॉय दास, डॉ. कैथी, ग्रेस मैडोना सिंह, हरलीन कौर मौजूद रहे।
-हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से कार्यशाला आयोजित
डोईवाला:
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में चिकित्सा संस्थानों में होने वाली हिंसा की रोकथाम विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कांन्फ्रेस का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने ऐसी किसी आपात स्थित से निपटने के लिए अपने सुझाव दिए।
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आयोजित कांन्फ्रेस का उद्घाटन डॉ. स्वामी राम के चित्र पर दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने गुरू वंदना प्रस्तुत की। बतौर मुख्य अतिथि एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति डॉ. हेम चंद्र वहां मौजूद छात्र-छात्राओं को कहा कि आपातकालीन स्थित में निपटने के लिए आपका व्यवहार मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नही होता। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बीमार व्यक्ति को सहानभूति व प्यार की जरूरत होती है। कांफ्रेस की अध्यक्षयता करते हुए एसआरएचयू के कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि हिंसा की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए कैशल के साथ पशिक्षण की भी आवश्यकता है। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ.रेनू धस्माना ने विशेषज्ञों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कॉन्फ्रेंस में आए विचार व सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। सचिव राजेश शर्मा ने कॉन्फ्रेंस में आए मौजूद सभी डेलीगेट व छात्र-छात्राओं का अभिवादन किया। इस दौरान कॉन्फ्रेंस के विषय पर आधारित स्मारिका का भी विमोचन किया गया। सम्मेलन में डॉ. विजेन्द्र चौहान, डॉ. मुश्ताक अहमद, डॉ. उमा भारद्वाज, डॉ. वाईएस. बिष्ट, साधना मिश्रा, डॉ.विनिता कालरा, डॉ. अनुराधा कुसुम, डॉ.संजॉय दास, डॉ. कैथी, ग्रेस मैडोना सिंह, हरलीन कौर मौजूद रहे।
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