ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
निशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान स्कूल मायाकुंड में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चों को मातृभाषा के संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया इस दौरान वक्ताओं ने लोक भाषा गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी के संरक्षण पर जोर दिया कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायक धूम सिंह रावत ने बताया कि युवकों ने वर्ष 1999 में दुनिया की अनेक विलुप्त होती संकटग्रस्त भाषाओं को बचाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था इसके तहत हर वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है वर्ष 2009 में जारी यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार जिंदोली भाषाओं के अस्तित्व पर खतरा है उनमें उत्तराखंड राज्य की गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी बोली भी शामिल है इसलिए इन लोक भाषाओं के संरक्षण को सभी बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आना होगा उन्होंने अपनी स्वरचित कट वाली वंदना जीवनदाता मेनू इन वर्धा यह जीवन मेरा जादू कर दे की प्रस्तुति देकर बच्चों को इसका महत्व बताया स्कूल के निदेशक एवं गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष राजेश नेगी ने कहा कि पिछले लंबे समय से लगातार केंद्र सरकार से लोग भाषा गढ़वाली कुमाऊंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही है साथी राज्य सरकार से भी प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों कॉलेजों में लोक भाषा पढ़ाई जाने हेतु मांग की जा रही है मौके पर स्कूल के संरक्षक आरबी डंगवाल, कमल सिंह राणा उत्तम सिंह असवाल रवि कुकरेती रमेश मेघवाल शिक्षिका प्रिया क्षेत्री, प्रियंका कुकरेती, मीनाक्षी राना, दीपा सेमवाल, कंचन नेगी प्रतिभा रावत मौजूद रहे ।
उत्तम सिंह
निशुल्क शिक्षण संस्थान उड़ान स्कूल मायाकुंड में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चों को मातृभाषा के संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया इस दौरान वक्ताओं ने लोक भाषा गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी के संरक्षण पर जोर दिया कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक गायक धूम सिंह रावत ने बताया कि युवकों ने वर्ष 1999 में दुनिया की अनेक विलुप्त होती संकटग्रस्त भाषाओं को बचाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था इसके तहत हर वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है वर्ष 2009 में जारी यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार जिंदोली भाषाओं के अस्तित्व पर खतरा है उनमें उत्तराखंड राज्य की गढ़वाली कुमाऊनी और जौनसारी बोली भी शामिल है इसलिए इन लोक भाषाओं के संरक्षण को सभी बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आना होगा उन्होंने अपनी स्वरचित कट वाली वंदना जीवनदाता मेनू इन वर्धा यह जीवन मेरा जादू कर दे की प्रस्तुति देकर बच्चों को इसका महत्व बताया स्कूल के निदेशक एवं गढ़वाल महासभा के अध्यक्ष राजेश नेगी ने कहा कि पिछले लंबे समय से लगातार केंद्र सरकार से लोग भाषा गढ़वाली कुमाऊंनी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जा रही है साथी राज्य सरकार से भी प्रदेश के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों कॉलेजों में लोक भाषा पढ़ाई जाने हेतु मांग की जा रही है मौके पर स्कूल के संरक्षक आरबी डंगवाल, कमल सिंह राणा उत्तम सिंह असवाल रवि कुकरेती रमेश मेघवाल शिक्षिका प्रिया क्षेत्री, प्रियंका कुकरेती, मीनाक्षी राना, दीपा सेमवाल, कंचन नेगी प्रतिभा रावत मौजूद रहे ।
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