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जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले की जबाबी कार्यवाही में शहीद हुए दून के लाल शहीद मेजर विभूती ढोंडियाल की अंतिम यात्रा भानियावाला पहुँचने पर छेत्र वासियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमः आँखों से अंतिम विदाई दी  । भानियावाला, हरिद्वार  तिराहे पर भारी तादात में स्थानीय लोग पहुंचे और  भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा विभूती तेरा नाम रहेगा,पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे।


 मौके पर भाजपा जिला मीडिया प्रभारी सम्पूर्ण सिंह रावत,पूर्व प्रधान नरेन्द्र नेगी,दिनेश सजवाण, भाजपा मंडल महा मंत्री नितिन बर्थवाल,सभासद हिमांशु राणा,ईश्वर रौथाण, वेद प्रकाश कंडवाल,धूम सिंह पंवार,अजय चौहान,सुखदेव चौहान, ओम उपाध्याय,विनीत मनवाल,अवतार सिंह रावत, अजय चौहान,शेर सिंह,नागेंद्र चौहान,हितेंद्र सैनी,नरेंद्र उनियाल, सहित सैंकड़ो लोग उपस्थित थे।

 डोईवाला  से भी भारी तादाद में लोगों ने और बच्चों ने शहीद मेजर को श्रद्धांजलि अर्पित की छोटे-छोटे बच्चों की आंखों से आंसू हथम नहीं पा रहे थे।

 अपने देश के जवानों को खो देने का गम सभी को साल रहा है यह सर्वविदित है है कि  हमारे जवानों की शहादत  जाया ना हो इसके लिए पूरे देश भर में विरोध किया जा रहा है पाकिस्तान से आतंकवाद को बढ़ावा दिए जाने तमाम जनता में आक्रोष हमने का नाम नहीं ले रहा है मेजर विभूति डॉल शहादत से 1 दिन पूर्व देहरादून के ही एक और  सपूत चित्रेश सिंह बिष्ट लैंडमाइन को डिफ्यूज करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
 नेशविला  रोड में  भी शोक की लहर


पुलवामा मे देहरादून का एक और लाल देश के लिए शहीद हो गया। जम्मू में सोमवार सुबह आतंकियों से मुठभेड़ में  नेशविला रोड डंगवाल मार्ग निवासी 55 आर आर के 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल ने देश  की खातिर  मौत को गले लगा दिया। तीन बहनों के इकलौते भाई विभूति की अप्रैल 2018 में शादी हुई थी।
देहरादून  पाइन हॉल और सेंट जोजेफ से स्कूलिंग किये हुए  और डी ए वी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त किये हुए ,मेजर विभूति  ने ओटीए के द्वारा सेना में प्रवेश पाया था। उनके पिता स्व ओमप्रकाश ढोंढियाल 2011 में नही रहे।


  उनके घर में अभी दादी व मां रहती है तीन बहन दादी माँ  और पत्नी है, जो कश्मीर  की है।

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