Halloween party ideas 2015

ऋषिकेश;

   अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में विश्व कैंसर दिवस पर विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर मरीजों, तिमारदारों व नर्सिंग ऑफिसरों को कैंसर के लक्षण व बचाव संबंधी जानकारी दी गई। सोमवार को विश्व कैंसर दिवस पर आयोजित व्याखानमाला में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि जागरूकता से कैंसर को शुरुआती अवस्था में पकड़कर उचित उपचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट कैंसर की ओर से घोषित विश्व कैंसर दिवस का मुख्य उद्देश्य जनजागरूकता अभियान से कैंसर की बीमारी व उससे बढ़ रही मृत्यु दर को कम करना है। 

एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि कैंसर तीन नॉन कम्यूनिकेबल गैर संक्रामक बीमारियों में से एक है। जबकि डाइबटिक व हाईपरटेंशन अन्य दो बीमारियां हैं। निदेशक एम्स ने बताया कि इन बीमारियों में कैंसर ही ऐसी बीमारी है जिसे शुरुआत में पकड़ में आने पर पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जबकि डाइबटिक व हाईपरटेंशन की बीमारी को कंट्रोल तो किया जा सकता है मगर पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। निदेशक एम्स ने बताया कि संस्थान में कैंसर के उपचार के लिए सभी आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें शल्य चिकित्सा, विकिरण चिकित्सा व कीमोथैरेपी आदि शामिल हैं। इसके अलावा एडवांस स्टेज के मरीजों के लिए पैलिएटिव केयर की सुविधा उपलब्ध है। जिससे रोगी का अवशेष जीवन आराम से व्यतीत हो सके।



उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन करीब 170 कैंसर रोगी आ रहे हैं, जिनमें लगभग 30 नए रोगी होते हैं। इस अवसर पर रेडिएशन ओंकॉलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज गुप्ता ने लोगों को कैंसर से शुरुआती लक्षणों की जानकारी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कैंसर के वार्निंग सिग्नल बताए हैं, मसलन मुहं में बार बार छाले, लंबे समय तक आवाज में परिवर्तन, काफी दिनों तक खांसी रहना और दवा लेने पर भी उसका ठीक नहीं होना, खांसी के साथ खून आना, स्तन में गांठ का होना, शरीर के किसी भी छिद्र से असामान्य रक्त स्राव होना, शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ का तेजी से बढ़ना, पेशाब के रास्ते खून का स्राव आदि मुख्य हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे लक्षण पाए जाने पर इसकी जल्दी जांच करानी चाहिए। प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि जरूरी नहीं कि ऐसे लक्षण पर किसी व्यक्ति को कैंसर ही हो मगर इसकी अनदेखी भी नहीं करनी चाहिए। दूसरी ओर संस्थान में कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से आयोजित कार्यशाला का डीन एकेडमिक प्रो.सुरेखा किशोर ने विधिवत शुभारंभ किया। कार्यशाला में नर्सिंग ऑफिसर्स को बताया गया कि कीमोथैरेपी की दवाओं को मरीजों को किस तरह भलीभांति दी जाए। साथ ही विशेषज्ञों ने उन्हें दवाओं के मरीजों को होने वाले साइड इफेक्ट से बचाव की जानकारी भी दी गई। इस मौके पर डीन नर्सिंग डा.सुरेश शर्मा, प्रो.मनोज गुप्ता, डा.उत्तम नाथ,रुचिका रानी आदि ने व्याख्यान दिया।

एक टिप्पणी भेजें

www.satyawani.com @ All rights reserved

www.satyawani.com @All rights reserved
Blogger द्वारा संचालित.