- समावेशी विकास को समर्पित है बजट-मुख्यमंत्री
- महिलाओं व किसानों पर खास तौर पर रखा गया है फोकस
- विधान सभा में प्रस्तुत किया गया 48664 करोड़ का अनुमानित बजट।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधान सभा में प्रस्तुत राज्य के वर्ष 2019-20 के आय-व्ययक को राज्य के विकास का आईना बताया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के बजट में गांवों के विकास की प्रतिबद्धता झलकती है। वर्ष 2019-20 का यह बजट सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, घर और बिजली जैसी तमाम सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाने के साथ ही उत्तराखंड को विकास की पटरी पर आगे ले जाने वाला साबित होगा। एक संतुलित समावेशी बजट पारित करने के लिए वित्तमंत्री जी को बधाई देता हूं। बजट में महिला सशक्तीकरण, सहकारिता विकास, किसानों के कल्याण व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए तमाम उपाय किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के वर्ष 2019-20 की अनुमानित कुल प्राप्तियां 48679.43 करोड़ के सापेक्ष कुल व्यय 48663.90 करोड़ अनुमानित है। राज्य के बेहतर वित्तीय प्रबन्धन का परिणाम है कि वर्ष 2019-20 के आय-व्ययक में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में राज्य के समग्र विकास को ध्यान में रखा गया है। बजट तैयार करने में आम जनता से सम्बाद स्थापित कर उनसे प्राप्त सुझावों को भी इसमें सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट को समावेशी बनाते हुए महिला सशक्तीकरण के लिए बजट में रू 1111 करोड़ का प्राविधान करते हुए महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के रू 5 लाख तक के ऋण की व्यवस्था की गई है। ग्रोथ सेंटर विकास का आधार केन्द्र बन सकें इसके लिए ग्रोथ सेन्टर की स्थापना के लिए रू 7.5 करोड़ का प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविध उपलब्ध हो इसके लिए बजट में रू 2545.40 करोड़ तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए रू 440 करोड़ तथा अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना हेतु रू 150 करोड़ के साथ ही मानसिक चिकित्सा संस्थान की स्थापना हेतु रू 10 करोड़ का प्राविधान रखा गया है।
ग्रामीण विकास के दृढ़ संकल्प को पूरा करने के लिए बजट में रू 3141.34 करोड़ का प्राविधान तथा ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क मार्ग से जोड़ने प्रधानमंत्री सड़क योजना(पी.एम.जी.एस.वाई.) के लिए रू 900 करोड़ का प्राविधान के साथ ही सबको शिक्षा, बेहतर शिक्षा के लिए रू 1073 करोड़ तथा लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए रू 5 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को पर्यटन प्रदेश बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए ’पिछले बजट की तुलना में इस बार 12 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वीरचंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में रू 15 करोड़, होमस्टे योजना के लिए रू 11.5 करोड़ का प्राविधान किया गया है। सबको मिले स्वच्छ पेयजल योजना के लिए रू 947.44 करोड़ का प्राविधान के साथ ही सौंग बांध निर्माण के लिए रू 170 करोड़, रुड़की-देवबंद रेलवे लाइन हेतु रू 100 करोड़, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण के लिए रू 2025.6 करोड़ का प्राविधान किया गया है। इसके अतरिक्त राजकीय वृद्धाश्रम निर्माण के लिए रू 1 करोड़ के साथ ही कुपोषित बच्चों के लिए मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना की शुरुआत की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता विकास के क्षेत्र में पिछले बजट की तुलना में इस बार 104 प्रतिशत की वृद्धि की गई है तथा सहकारिता विकास के लिए रू 100 करोड़ के अतिरिक्त बजट की व्यवस्था रखी गई है। जबकि सैनिक कल्याण’ के तहत एनसीसी अकादमी की स्थापना के लिए रू 5 करोड़, शौर्य स्थल के निर्माण के लिए रू 5 करोड़ का प्राविधान रखा गया है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट की तुलना में इस बार के बजट में सहकारिता विकास के क्षेत्र में 104 प्रतिशत, हाउसिंग में 45 प्रतिशत, कृषि में 19.37 प्रतिशत, पशुपालन 16 प्रतिशत तथा डेरी विकास में 38 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
संस्कृत में श्लोक पढ़कर वित्त मंत्री ने पेश किया बजट, पढ़ें बजट की बड़ी बातें
देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने आज बजट पेश कर दिया. बजट की शुरूआत में वित्त मंत्री ने पहले संस्कृत में श्लोक पढ़ा, उसके बाद बजट पेश किया. इस बार त्रिवेंद्र सरकार ने 48663.90 करोड़ का बजट विधानसभा में पेश किया है. वहीं कश्मीर में हुए हमले के विरोध में कांग्रेस ने आज सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.विधानसभा में पेश हुआ बजट
बता दें कि इससे पहले सरकार ने 15 फरवरी को बजट पेश करना था, लेकिन पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के शोक में इसे टाल दिया गया था. इस बजट से हर वर्ग को काफी उम्मीदें थीं. संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि शहीदों को लेकर पूरे सदन में दुख का माहौल है, सभी ने सदन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी है.
बजट की बड़ी बातें-
- कृषि और औद्योगिक विकास के लिए 1341.10 करोड़ के बजट का प्रवधान
- ग्राम विकास पंचायती राज विभाग के लिए 3141.34 करोड़
- सिंचाई और पेयजल के लिए 997.44 करोड़ की व्यवस्था
- सबसे बड़े विभाग वन एवं पर्यावरण के लिए 1036.46 करोड़ का बजट
- महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के लिए 1111.00 करोड़ का प्रावधान
- चिकित्सा स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण के लिए 2545.40 करोड़ का बजट
- विद्यालयी शिक्षा के लिए 7642.63 करोड़ और उच्च शिक्षा के लिए 548.37 करोड़ रुपये का बजट- 2020 तक 5000 होमस्टे सभी 13 जिलों में देने का प्रावधान
- कृषि और सहकारिता के तहत 90% से अधिक कृषकों को 450 करोड़ रुपए तक की धनराशि डीवीटी के माध्यम से दी जाएगी
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का राज्य सरकार का लक्ष्य, इसके लिए 100 करोड़ की व्यवस्था.
- राष्ट्रीय उद्यान मिशन के तहत 51 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित
- सिंचाई एवं पेयजल के लिए 121 करोड़ रुपये का बजट
- बांध निर्माण अवस्था पन कार्यों के लिए 70 करोड़ प्रस्तावित
- 35 अर्ध नगरीय क्षेत्रों में 19 परियोजनाओं हेतु 975 करोड़ रुपये प्रस्तावित
- स्वास्थ्य विभाग के लिए 2545 करोड़ रुपए बजट में प्रावधान
- विद्यालय शिक्षा के लिए 7642.63 करोड़ का बजट
- उच्च शिक्षा के लिए 548.37 करोड़ का प्रावधान
- श्रम सेवायोजन कौशल विकास के लिए 394.54 करोड़ रुपये
- हिमालयन संस्कृति केंद्र के लिए 16.40 करोड़ का प्रस्ताव
- रुड़की देवबंद रेल लाइन हेतु 100 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान
- प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 300 नई बसें खरीदने हेतु 10 करोड़ का प्रावधान
- प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु 91 करोड़ रुपये
- शहरी क्षेत्रों में अमृत योजना हेतु 60 करोड़ रुपये
- 38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन हेतु 72.10 करोड़ का प्रावधान
- खेल एवं युवा कल्याण हेतु 166.33 करोड़ का प्रावधान
- पुलिस एवं कारागार हेतु 1967. 02 करोड़ रुपये
पिछले साल की तुलना में ज्यादा है बजट
आपको बता दें कि पिछले साल त्रिवेंद्र सरकार ने 45585.09 करोड़ रुपये का बजट पास किया था, जबकि इस बार वित्त मंत्री की ओर से 48663.90 करोड़ का बजट सदन में पेश किया गया है.
कांग्रेस ने किया सदन की कार्यवाही का बहिष्कार
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि प्रदेश में इस वक्त शोक का माहौल है. सभी आतंकी घटनाओं से विचलित हैं. सभी उत्तराखंडवासी पीड़ा में हैं. जवानों की शहादत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में विपक्ष ने शोक प्रस्ताव रखने के साथ सदन को एक दिन के लिए स्थगित करने की मांग की थी.
सरकार ने सदन में शोक प्रस्ताव तो पढ़ा, लेकिन सदन स्थगित करने के प्रस्वात को ठुकरा दिया. जिसका विपक्ष ने विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार किया.
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