ऋषिकेश :
उत्तम सिंह
रोजगार के नाम पर स्थानीय युवाओं के साथ छल कपट पर पक्ष विपक्ष की चुप्पी स्थानीय युवाओं को मजबूर कर रही यह सोचने के लिये कि वो अपने प्रदेश में बेगाने है।
उत्तराखंड में कितने ही संस्थान खुले है या खुलेंगे। इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि स्थानीय क्षेत्रों के लोगों को उसमे जगह नही मिलती।
उत्तराखण्ड मे सरकार कोई भी रही हो ,हर सरकार मे युवाओं बेरोजगार के नाम पर सिर्फ छल हुआ ।चुनाव के समय हर दल ने वायदे किये । लेकिन जब वायदों को पूरा करने की बारी आयी तो किनारा कर गये । वहीं अब एम्स ऋषिकेश मे हो रहा है । एम्स के स्थापना के समय स्थानीय युवाओं ने अपने सुनहरे भविष्य के सपने देखे थे। लेकिन अब हकीकत कुछ और ही बया कर रहा है। एम्स मे स्थानीय युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर छलावा ही हुआ है। एम्स मे शुरू से ही स्थानीय युवाओं के साथ उपेक्षा होती आयी है। जिसमें पहले भी स्थानीय युवाओं को निकालने की सुगाबहट हो चुकी थी। इसको लेकर एम्स मे आन्दोलन भी हुआ। लेकिन आन्दोलन के समय नेताओं ने आश्वासन दिया था । जिसमें सालों से अस्थायी तौर पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित रखने की बात कही थी। लेकिन फिर से 49 कर्मचारियों को निकाल दिया गया।
एम्स मे पूर्व मे कार्य कर चुके कर्मचारी दीपक रयाल आन्दोलनकारी ने कहा कि केन्द्र एव राज्य सरकार की खामोशी से स्थानीय युवाओं से रोजगार छीनना जा रहा है। जिससे स्थानीय युवाओं के साथ एम्स ऋषिकेश मे सौतेला जैसा व्यवहार हो रहा है । जिसमें उत्तराखंड के पाँचो सासंद भी खामोश बैठे है ।कहीं न कहीं इसका कारण 8शायद यह है कि स्थानीय युवक या कर्मचारी यूनियन ने बना ले या संस्था के खिलाफ न आ जाएं
जबकि ये निराधार है। जिन युवाओं को
संस्थान नौकरी देगा ,तो विरोध क्यों करेंगे? इसी पशोपेश में युवा स्वयँ को ठगा सा महसूस कर रहे है कि अब हम कहां जाएं?
पिछले वर्ष से अब तक सितंबर 11, 2018 से फरवरी 14, 2018 तक 148 दिन हो गये है।
सरकार द्वारा एम्स से निष्कासित कर्मचारियों से 15 दिन के बाद बहाली कह कर पूर्व
भाजपा जिलाध्यक्ष व वर्तमान मेयर अनिता ममगई व साथ मे सांसद अनिल बलूनी
के प्रतिनिधि बनकर आये बिपिन कैंथोला ने धरना तुड़वाया था जो अब तक बहाली नही हुई। पूर्व में निष्कासित कर्मचारियों की बहाली तो हुई नही, इसी दौरान 07/02/2019 को 49 पुराने व स्थानीय कर्मचारियों जो पिछले 7 वर्षों से सेवा दे रहे थे, को सेवा से हटा दिया गया है। अगर सभी एम्स प्रशासन निष्कासित कर्मचारियों की बहाली नही करता है तो आज से 10 दिन बाद 24/02/2019 से एम्स ऋषिकेश व सरकार के खिलाफ सत्याग्रह/धरना/क्रमिक अनशन होगा किया जाएगा। इसलिए आज दिनांक 14/02/2019 को दीपक रयाल के नेतृत्व में श्रीमान उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को ज्ञापन दे दिया, जिसमें भारी संख्या में ऋषिकेश के *समाजसेवी, राज्य आंदोलनकारी व राजनीतिक दल के गण मान्य लोग शामिल हुए।जिसमे मुख्यरूप से राज्य आंदोलनकारी कमल नेगी शीला पंत प्रदेश अध्यक्ष अटल सेना अनिता प्रधान मंडल अध्यक्ष श्यामपुर, रेखा रावत, समाजसेवी निशा शर्मा, मीना देवी विपिन पेटवाल यूथ कांग्रेस नवीन शर्मा पदमा नैथानी व समस्त एम्स निष्कासित कर्मचारियों बढ चढ़कर साथ दिया व साथ मे एम्स के खिलाफ नारे बाजी भी की।
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