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जनपद  हरिद्वार के रुड़की  में स्थित भगवानपुर क्षेत्र में शराब  ने 12 लोगों की जिंदगी  छीन ली।  हालांकि सरकार ने सम्बन्धित अधिकारी पर तुरन्त कारवाई करते हुए निलम्बन के आदेश दे दिए। अनेक  संगठनों ने  समय समय पर शराब की धुंआधार दुकाने खुलने पर प्रदर्शन आदि भी किये। सरकार कोई भी हो शराब को प्राथमिकता देने का  सभी का शगल है। फिर भी कांग्रेस  का मानना है कि शराब की दुकानों के आवंटन के मामले में  हमारी सरकार  से  कहीं आगे है वर्तमान सरकार।


उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने रुड़की में  जहरीली शराब के सेवन से हुई  मौतों पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर तीखा प्रहार किया । गरिमा दसोनी ने कहा कि तेरह अफसरों का  निलंबन ना काफी है आबकारी मंत्री को स्वयं इस प्रकरण के चलते इस्तीफा देना चाहिए ।गरिमा दसोनी ने कहा कि शराब को हतोत्साहित करने वाले लोग आज घर-घर मोबाइल वैन से दारु बेचने के साथ-साथ धर्मनगरीयों में दारू की दुकानें खोलने तक का कुकृत्य कर रही है।

यही नही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से लगभग 120 दुकाने ज्यादा खोल चुकी त्रिवेंद्र सरकार आज पूरी तरह शराब माफिया के सामने घुटने टेक चुकी है।प्रदेश  में शराबबंदी को लेकर जब मातृशक्ति आंदोलनरत होकर सड़कों पर उतरी तो इसी त्रिवेंद्र सरकार ने उन्हें जेलों में ठूसने का तथा उन पर मुकदमा कायम करने का काम किया ।दसोनी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड पंजाब के बाद दूसरा ऐसा प्रदेश बनता जा रहा है जो नशाखोरी के चपेट में है इसके लिए राज्य सरकार की उदासीनता जिम्मेदार है।

उन्होंने आगे कहा कि आज राज्य के अंदर सरकार पूरी तरह से शराब माफिया के शिकंजे में है लगातार शराब ओवर रेटिंग में बिक रही है और कालाबाजारी के चलते हरियाणा चंडीगढ़ और आसपास के प्रदेशों की शराब का बोलबाला राज्य में हो रहा है जिस पर कोई भी रोक नहीं लगाई जा रही है और ना ही कोई प्रतिबंध। सरकार और शराब  माफिया की सांठगांठ के चलते खामियाजा उत्तराखंड की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है गरिमा 
दसोनी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से पुरजोर शब्दों में मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग  की है।

 भगवानपुर तहसील क्षेत्र के बालूपुर गांव में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की मौत हो गई। वहीं चार लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। एसएसपी जनमेजय प्रभाकर खंडूरी के अनुसार, गांव में एक व्यक्ति के घर में तेरहवीं के भोज का कार्यक्रम था। इस दौरान वहां कुछ ग्रामीणों ने शराब पी थी। वहीं, इस मामले में डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी एडीएम ललित नारायण मिश्रा को सौंपी गई है।
शराब पीने के बाद वहां ग्रामीणों की हालत खराब होने लगी जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। वहीं अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं अवैध मदिरा के सेवन को लेकर लापरवाही बरतने के मामले में अपर आबकारी आयुक्त अर्चना गहरवार ने 13 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों को देहरादून अटैच कर दिया


मृतकों के नाम:
-संजय पुत्र मामराज उम्र 38 निवासी नगला सलारू
-जीत सिंह पुत्र कर्म सिंह उम्र 50 निवासी लाठर देवा
-विश्वास पुत्र रतिराम उम्र 45 निवासी बिंदु खड़क
-नरेश पुत्र सिमर उम्र 48, निवासी जाहजगड़
चंद्रभान पुत्र मेहर सिंह उम्र 50 निवासी भलस्वागाज
-धानु पुत्र हरफूल उम्र 45 निवासी नोरंग पुर उत्तर प्रदेश
-चरण सिंह पुत्र भुल्लन उम्र 50 निवासी बिंदुखड़क
-राजकुमार पुत्र पाल सिंह उम्र 30 साल निवासी भलससवावागाज
-जसवीर पुत्र सिताब सिंह, बिंदुखड़क
-ज्ञान सिंह पुत्र राम उम्र 40, निवासी बल्लु पुर
-स्वराज पुत्र सुनील उम्र 40 , निवासी बाल्लुपुर




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