- 70 वें गणतंत्र दिवस पर विधानसभा में झंडारोहण किया।
- अपने सम्बोधन मे गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि यह दिन राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना के साथ, हमारी सम्प्रभुता का उत्सव मनाने का भी अवसर है। यह, उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों के महान प्रयासों और बलिदान को, आभार के साथ याद करने का दिन है, जिन्होंने अपना खून-पसीना एक करके, हमें आज़ादी दिलाई, और हमारे गणतंत्र का निर्माण किया। आज का दिन हमारे लोकतान्त्रिक मूल्यों को, नमन करने का भी दिन है।
गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड बनाने के लिए हुए ,राज्य आन्दोलन के सभी शहीदों तथा आन्दोलनकारियों को भी शत-शत नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिनके अथक प्रयासों से इस राज्य की संकल्पना साकार हो सकी। उनका ऋण सदैव हम पर रहेगा। उन शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने सीमा पर अपनी जान की बाजी लगाकर भारत माता की सेवा में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।
संविधान का निर्माण करने, उसे लागू करने और भारत के गणराज्य की स्थापना करने के साथ ही, हमने वास्तव में ’सभी नागरिकों के बीच बराबरी’ का आदर्श स्थापित किया, चाहे हम किसी भी धर्म, क्षेत्र या समुदाय के क्यों न हो.
हमारे संविधान निर्माता बहुत दूरदर्शी थे. वे ’कानून का शासन’ और ’कानून द्वारा शासन’ के महत्त्व और गरिमा को भली-भांति समझते थे. वे हमारे राष्ट्रीय जीवन के एक अहम दौर के प्रतिनिधि थे। हम सौभाग्यशाली हैं कि उस दौर ने हमें गणतंत्र के रूप में अनमोल विरासत दी है।
उन्होंने कहा कि विगत 2 वर्ष से हमने अपनी विधानसभा में कई महत्वपूर्ण क़दम उठाए जिसमें संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए सभी पट्टिकाओं में संस्कृत में नाम अंकित किए। विधानसभा सहित प्रदेश के सभी कार्यालयों में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र लगाए गये। उत्तराखंड में पहली बार सीपीए की ज़ोनल बैठक आयोजित की गई एवं आप लोगों के स्नेह से मुझे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सीपीए की कार्यकारिणी समिति में भारत सहित अपने प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का मौका प्राप्त हुआ है। विधान सभा में तंबाकू निषेध दिवस को मनाया गया जिसका परिणाम है कि मेरी विधान सभा आज साफ और स्वच्छ दिखती है साथ ही मुझे खुशी है कि मेरे विधान सभा परिवार के बहुत से सदस्यों ने तम्बाकु सम्बन्धी चीजों से तौबा की है। विधान सभा में विश्व योग दिवस के दिन एक और नई शुरूवात की गयी थी जिसमे हर माह की 21 तारीख को विधान सभा परिसर में योग का कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि विधानसभा परिवार के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को इन सभी कार्यों के लिए सहयोग प्रदान करने के लिए तहे दिल से आभार प्रकट करता हूँं।
श्री अग्रवाल ने कहा , यह उत्तराखण्ड राज्य भी संघर्षों की ही परिणिति है और राज्य का निर्माण इस उद्देश्य से हुआ था कि प्रदेश के सुदूरवर्ती गांवो तक विकास पहुचेगा। आइये हम सब मिलकर अपनी इस देव भूमि उत्तराखण्ड को चौमुखी विकास की ओर ले जाने के लिए संकल्प लें। सम्भावनाये अथाह हैं, शक्ति का स्रोत भी है. अपने परिश्रम से हमें उन बलिदानों को सार्थक करना होगा जो राज्य निर्माण के लिए किये गये। उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम उन सपनों को साकार करें जो एक पृथक राज्य के लिए उन्होंने देखे थे।
सोच को बदलो सितारे बदल जायेंगे,
नजर को बदलो नज़ारे बदल जायेंगे,
कश्तियाँ बदलने से कुछ नहीं होता,
दिशाओं को बदलो किनारे बदल जायेंगे।
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