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सवर्णो को आरक्षण देने के लिए मोदी सरकार आज लोकसभा में 124वें संविधान संशोधन विधेयक का प्रस्ताव रख रही है। आर्थिक रूप से कमजोर  सामान्य वर्ग के लिए नौकरी और उच्चतर शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों को सकते में डाल दिया है। जहां विपक्षी दल नही करने की स्थिति में मण्डल कमीशन जैसी स्थिति नही आने देना चाहते है। मजबूरन उनको 90 प्रतिशत इस आरक्षण के समर्थन में आना ही होगा। ममता बनर्जी जहां सामान्य वर्गों के लिए 60 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में गई वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती  ने इसके लिए हामी भर दी है।

मायावती ने सामान्य वर्ग के कोटे को बताया चुनावी स्टंट, लेकिन संसद में बिल का समर्थन करेंगी

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार के कमजोर सामान्य वर्ग के 10 फीसदी आरक्षण विधेयक का किया समर्थन
लखनऊ। केंद्र सरकार के कमजोर सामान्य वर्ग के 10 फीसदी आरक्षण विधेयक का बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने समर्थन देने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने इसे चुनावी छलावा बताते हुए सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार ने इसे पहले क्यों नहीं लागू किया। मायावती ने इसे बीजेपी का चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि चुनाव आते ही बीजेपी को गरीब सवर्णों की याद आई।
मायावती ने कहा कि वह इस विधेयक का समर्थन करेंगी क्योंकि उनकी पार्टी पहले से ही आरक्षण की मांग करती आई है। बीएसपी चीफ ने यह भी कहा कि एससी-एसटी वर्ग की 50 फीसदी आरक्षण सीमा को भी उनकी आबादी को देखते हुए बढ़ाने पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही जिन क्षेत्रों में अभी तक आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, वहां भी इसे लागू करना चाहिए।
बता दें कि सोमवार को केंद्र सरकार ने कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया। मोदी कैबिनेट ने 8 लाख से कम आय के वर्ग के लोगों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। सरकार इस आदेश को मंजूरी दिलाने के लिए आज लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है।

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