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रुद्रप्रयाग:



 जनपद में बारिश व बर्फवारी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिवस कुछ घण्टों के लिए बारिश थमी तो आम लोगों के साथ ही प्रशासन ने राहत की सांस ली थी मगर देर रात्रि से बारिश फिर से शुरु हो गयी है। इस बार बर्फवारी रिकार्ड हो रही है वर्ष 1993 के बाद पहली बार इस तरह से बर्फवारी हुई है।

 जिससे कि उंचाई वाले करीब 50 गांव बर्फ से ढके हुए हैं तो कई मोटरमार्ग बर्फ के चलते बन्द हो गये हैं। पिछले चार दिनों से चोपता दुगलविट्टा में फंसे 51 सैलानी जो कि मुम्बई, दिल्ली, देहरादून के साथ ही अन्य जनपदों से हैं उन्हें प्रशासन द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया है मगर उनके वाहन अभी भी बर्फ के बीच फंसे हैं ।
जिन्हें निकालने का कार्य चल रहा है। वहीं केदारनाथ धाम में पिछले चार दिनों से संचार व विद्युत सप्लाई बन्द हो रखी है। जिससे वहां कार्य कर रहे करीब 60 से 70   मजदूर, अधिकारी, एसडीआरएफ, पुलिस के जवान बर्फ में कैद होकर रह गये हैं। सैटेलाइट पर भी केदारनाथ में सम्पर्क नहीं हो पा रहा है।

 जिसको देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने एसडीआरएफ की टीम को एलर्ट पर रहने के निर्देश दे दिये हैं। केदारनाथ धाम आठ फिट से अधिक बर्फ की मोटी चादर से ढक गया है और लिनचैनी समेत रामबाडा तक भारी बर्फवारी होने के कारण बडे-बडे ग्लेशियर तैयार हो गये हैं। बर्फ के चलते उखीमठ-गोपेश्वर, चोपता-पोखरी, चन्द्रनगर-मोहनाखाल, सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण, घनशाली-मयाली व छेनागाढ-उछोला के साथ ही कई ग्रामीण सम्पर्क मोटर मार्ग बन्द चल रहे हैं वहीं जखोली व उखीमठ तहसील के अधिक उंचाई वाले करीब 50 गांव बर्फ से ढक गये हैं जिससे आम जनजीवन पर खासा असर दिख रहा है। 

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