ऋषिकेश;
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित एमबीबीएस के वर्ष 2014 बैच के विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कोर्स के तहत सोमवार को उन्हें सेंटर ऑफ एडवांस मेडिकल सिम्युलेशन एंड स्किल में डमी पर विभिन्न प्रयोग कराए गए।
हैंडजान स्किल ट्रेनिंग में उन्हें शरीर के विभिन्न अंगों में ट्यूब डालने, रक्तस्राव रोकने, जख्मों पर पट्टी करने आदि की विधियां सिखाई गई। सात दिवसीय स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि संस्थान ग्रेजुएट को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दे रहा है, जिससे वह अस्पताल में ही नहीं अस्पताल के बाहर भी किसी भी स्थिति में मरीज के उपचार में सक्षम हो सकें। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने एक चिकित्सक के लिए लाइव नॉलेज को किताबी ज्ञान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण और जरूरी बताया। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कहा कि पेसेंट की सुरक्षा के लिए चिकित्सक में पर्याप्त हुनर होना चाहिए।
लिहाजा संस्थान विद्यार्थियों को वल्र्ड क्लास सिम्युलेशन लैब में आपातकालीन स्थिति में हर जरूरी प्रशिक्षण को दे रहा है,जिससे वह मरीज को उपचार देने में सक्षम हों। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि इमरजेंसी में गोल्डन हावर्स का सही उपयोग कर मरीज को सही उपचार देना चिकित्सक का कर्तव्य है। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने विद्यार्थियों को मरीज पर प्रैक्टिकल से पूर्व डमी पर विभिन्न तरह के मेडिकल स्किल्स सिखाए। जिसमें नाक के द्वारा खाने की ट्यूब डालने की विधि,विभिन्न प्रकार के इंजेक्शन लगाने के तौर तरीके, पेशाब की नली डालने की विधि बताई गई। इसके अलावा उन्हें विभिन्न प्रकार के रक्तस्राव रोकने के तरीके, जख्मों पर पट्टी, सांस की नली में ट्यूब डालने और छाती व पेट में भरे पानी को निकालने की जानकारी दी गई।
मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी राव ने बताया कि देश भर में गिने चुने मेडिकल कॉलेजों में ही एम्स ऋषिकेश के स्तर की वल्र्ड क्लास सेंटर ऑफ एडवांस मेडिकल सिम्यूलेशन एंड स्किल लैब स्थापित है, उन्होंने बताया कि एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत के विजन के कारण ही संस्थान में यह सेंटर स्थापित हो सका है। जिसका लाभ स्टूडेंट्स को मिलने लगा है।
इस अवसर पर ट्रेनिंग को- ऑर्डिनेटर डा.फरहान उल हुदा, डा.मीनाक्षी धर, डा.पीके पांडा,डा.गौरव जैन, डा.सुधीर सिंह, डा.दीपक राजपूत,डा.सौम्या चोपड़ा,डा.अजय कुमार, डा.निशिथ गोविल,डा.राकेश, मनीष शर्मा, राखी मिश्रा आदि मौजूद थे।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में आयोजित एमबीबीएस के वर्ष 2014 बैच के विद्यार्थियों के लिए आयोजित इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कोर्स के तहत सोमवार को उन्हें सेंटर ऑफ एडवांस मेडिकल सिम्युलेशन एंड स्किल में डमी पर विभिन्न प्रयोग कराए गए।
हैंडजान स्किल ट्रेनिंग में उन्हें शरीर के विभिन्न अंगों में ट्यूब डालने, रक्तस्राव रोकने, जख्मों पर पट्टी करने आदि की विधियां सिखाई गई। सात दिवसीय स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि संस्थान ग्रेजुएट को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दे रहा है, जिससे वह अस्पताल में ही नहीं अस्पताल के बाहर भी किसी भी स्थिति में मरीज के उपचार में सक्षम हो सकें। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने एक चिकित्सक के लिए लाइव नॉलेज को किताबी ज्ञान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण और जरूरी बताया। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने कहा कि पेसेंट की सुरक्षा के लिए चिकित्सक में पर्याप्त हुनर होना चाहिए।
लिहाजा संस्थान विद्यार्थियों को वल्र्ड क्लास सिम्युलेशन लैब में आपातकालीन स्थिति में हर जरूरी प्रशिक्षण को दे रहा है,जिससे वह मरीज को उपचार देने में सक्षम हों। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो.रवि कांत ने बताया कि इमरजेंसी में गोल्डन हावर्स का सही उपयोग कर मरीज को सही उपचार देना चिकित्सक का कर्तव्य है। इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सकों ने विद्यार्थियों को मरीज पर प्रैक्टिकल से पूर्व डमी पर विभिन्न तरह के मेडिकल स्किल्स सिखाए। जिसमें नाक के द्वारा खाने की ट्यूब डालने की विधि,विभिन्न प्रकार के इंजेक्शन लगाने के तौर तरीके, पेशाब की नली डालने की विधि बताई गई। इसके अलावा उन्हें विभिन्न प्रकार के रक्तस्राव रोकने के तरीके, जख्मों पर पट्टी, सांस की नली में ट्यूब डालने और छाती व पेट में भरे पानी को निकालने की जानकारी दी गई।
मेडिकल एजुकेशन विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी राव ने बताया कि देश भर में गिने चुने मेडिकल कॉलेजों में ही एम्स ऋषिकेश के स्तर की वल्र्ड क्लास सेंटर ऑफ एडवांस मेडिकल सिम्यूलेशन एंड स्किल लैब स्थापित है, उन्होंने बताया कि एम्स निदेशक प्रो.रवि कांत के विजन के कारण ही संस्थान में यह सेंटर स्थापित हो सका है। जिसका लाभ स्टूडेंट्स को मिलने लगा है।
इस अवसर पर ट्रेनिंग को- ऑर्डिनेटर डा.फरहान उल हुदा, डा.मीनाक्षी धर, डा.पीके पांडा,डा.गौरव जैन, डा.सुधीर सिंह, डा.दीपक राजपूत,डा.सौम्या चोपड़ा,डा.अजय कुमार, डा.निशिथ गोविल,डा.राकेश, मनीष शर्मा, राखी मिश्रा आदि मौजूद थे।
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