देहरादून;
उत्तराखण्ड पत्रकार यूनियन ने आईआरडीटी आडिटोरियम हॉल में प्रथम प्रांतीय महासम्मेलन व देवभूमि रत्न सम्मान समारोह के साथ ही रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार व विशिष्ठ अतिथि सुनील उनियाल ‘गामा’ व वरिष्ठ पत्रकार आर.पी. नैनवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
यूनियन ने पत्रकारों व प्रदेश के सभी सम्मानित नागरिकों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष चेतन गुरूंग ने की व संचालन प्रदेश महामंत्री गिरिधर शर्मा ने किया
महासम्मेलन में प्रदेशभर से आए पत्रकारों ने महासम्मेलन में पत्रकारों के हित अपने-अपने सुझाव रखे। जिसे यूनियन के पदाधिकारियों व सदन में बैठे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किए। सम्मेलन के उपरांत यूनियन के महामंत्री गिरिधर शर्मा ने सभी प्रस्तावों की प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर सौंपी। द्वितिय सत्र में देश-प्रदेश की महान विभूतियों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह में देश-प्रदेश की 27 हस्तियों को यूपीयू देवभूमि रत्न अवार्ड से नवाजा गया।
इसके साथ ही तीन पत्रकारों के बच्चों को ‘‘हमारे होनहार’’ सम्मान में सर्वश्री ऋषिताभ थपलियाल को हाईस्कूल में 98.2 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर व साक्षी शर्मा वनस्थली का ब्रांड एम्बेसडर होने पर व अनग्रह सती का सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में चयन होने पर नवाजा गया।
प्रथम सत्र में प्रदेश से आए पत्रकारों का महासम्मेलन आयोजित किया गया। महासम्मेलन में पत्रकारों ने सदन में अपने प्रस्ताव रखे कि उत्तराखण्ड राज्य में भी अन्य राज्यों की तरह पत्रकारों के लिए सरकार के स्तर पर सेवानिवृत्त अथवा 60 वर्ष के बाद पेंशन लागू हो। इसके लिए संगठन सरकार व सूचना विभाग को एक प्रारूप सौंपकर इस दिशा में प्रयास जारी रखेगा।
2. राज्य के पत्रकारों को बीमित किया जाए। यह बीमित सुरक्षा 10 लाख रूपये की हो। राज्य के सभी पत्रकारों को इस दायरे में लाते हुए उनके लिए बीमा राशि का प्रावधान सरकार के स्तर पर हो। बीमित पत्रकार को इसके लिए एक कार्ड भी जारी किया जाए।
3. 9 नवंबर, 2000 को राज्य गठन से पहले अपनी लेखनी के माध्यम से राज्य आंदोलन को ताकत देने वाले पत्रकारों का स्थाई मान्यता व पेंशन का प्रावधान किया जाए। अब तक राज्य में बनी सरकारों ने सिर्फ यह आश्वासन दिया है पर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठे है। सरकार के इसे आश्वासन को लेकर संगठन अपने स्तर पर सततः प्रयास जारी रखेगा।
4. पत्रकारिता के नाम पर गलत काम करने वालों पर अंकुश लगाया जाए। ऐसे लोगों को चिन्ह्ति करने में संगठन सहयोग करेगा।
5. उत्तराखण्ड राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास में अनुभवी व वरिष्ठ पत्रकारों की सलाह-सुझाव की व्यवस्था बनें। इसके लिए वरिष्ठ पत्रकारों की एक समिति में चुनिंदा दस लोगों को शामिल किया जाए। राज्य के व्यापक हित में यह समिति अपनी त्रैमासिक रिपोर्ट सरकार को दे और सरकार को जो बढिया सुझाव लगे, उस पर काम करें। एक तरह से पत्रकारों को सीधे राज्य के विकास में भागीदारी का अवसर मिले।
6. आयुष्मान योजना को अधिक बेहतर बनाते हुए पत्रकारों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए दस लाख की धनराशि की व्यवस्था कैशलेस हो। इस संबंध में सूचना विभाग को संगठन अपनी मांगों से अवगत करायेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यूनियन ने यह सराहनीय पहल की है और पत्रकार पत्रकारिता के साथ-साथ मीडिया द्वारा किया जा रहा यह कार्य सराहनीय है। उन्होंने प्रसिद्ध पर्वतारोही ताशी और नुंग्शी का सम्मान करते हुए कहा कि आज हमारी बेटियां देश-विदेश में अपना परचम लहरा रही है और आज के इस युग में सभी मॉं-बाप को बेटियों का हौंसला बुलंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि न शब्द को हटायेंगे तो हमेशा सफलता हाथ लगेगी। श्री रावत ने कहा कि नकारात्मक सोच के साथ-साथ सकारात्मक सोच को आगे बढ़ाना चाहिए।
सकारात्मक सोच पर श्री रावत ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब अब्दुल कलाम इजरायल दौरे पर थे तो रात्रि में वहां भयंकर विस्फोट हो गया और वहां के अखबारों ने सकारात्मक खबरें पहले पन्ने पर और विस्फोट की कवरेज अन्दर के पृष्ठों पर दी।
श्री रावत ने अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड में रामबाण की तरह साबित हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 23 लाख परिवारों को योजना कार्ड दिया जा रहा है और अगले चरण में प्रदेश के एक करोड़ से अधिक नागरिकों को अटल आयुष्मान कार्ड उपलब्ध रहेगा।
उत्तराखंड पत्रकार यूनियन की ओर से आयोजित ‘देवभूमि रत्न अवार्ड’ सम्मान समारोह में भरत कुकरेती, संकल्प खेतवाल, राजीव मेहता, राकेश कुकरेती, अमित सागर, मनीष रावत, स्वाति शर्मा, अमित अग्रवाल, कमल धनशाला, कुहू गर्ग, कैप्टन नमिता पंत, हरिंदर मान, अशोक वासू, डॉ. महेश कुडियाल, प्रियंका कंडवाल, संस्कृति भट्ट, देवांशी राणा, अनिरूद्ध थापा, आकाश थापा, पवन गुरूंग, ताशी और नुंग्शी मलिक बहनें, अनु कुमार, सूरज पंवार, डॉ0 योगेन्द्र सिंह, सुरेश कुमार ‘पप्पू’ (बागवानी), नरेश नौटियाल, आशाष डबराल को नवाजा गया।
एक टिप्पणी भेजें